उत्तराखंड : पौड़ी जिले के डांगी गांव में हुर्इ अनोखी शादी का पूरा गांव गवाह बना। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से युवती का कन्यादान किया।
विकास खंड कल्जीखाल का डांगी गांव अनोखी शादी का गवाह बना। गरीब दिव्यांग (जन्म से नेत्रहीन) की बेटी के शादी समारोह में मदद के लिए पूरा गांव उमड़ आया। ग्रामीणों ने गांव की बेटी के रूप में युवती का कन्यादान किया। समारोह के लिए जिससे जो मदद बनी, उसने वह मदद की। प्रवासी भी दिव्यांग के बेटी की शादी समारोह में मदद के लिए आगे आए।
विकासखंड कल्जीखाल के डांगी गांव में दिव्यांग भूपेंद्र सिंह की इकलौती बेटी कविता की शादी धूमधाम से हुई। भूपेंद्र को बेटी की शादी की हमेशा चिंता रहती थी। उसकी चिंता गांव के सब लोगों ने दूर कर दी। उनकी बेटी की शादी में मदद के लिए पूरा डांगी गांव उमड़ आया। शिक्षक धीरज सिंह चौहान ने 11 हजार रुपये और प्रवासी ग्रामीण बृजभूषण लिंगवाल व मातबर सिंह रावत दिल्ली से गांव के अन्य प्रवासियों से 50 हजार रुपये एकत्रित कर लाए। साथ ही कपड़े व अन्य उपहार का सामान भी दिया।
ग्रामीणों ने इस तरह सामाजिक सहभागिता का अनोखा उदाहरण देकर कविता को गांव की बेटी बनाकर कन्यादान किया। शादी समारोह के आयोजन को लेकर गांव को एक सूत्र में पिरोने में सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन सिंह डांगी की अहम भूमिका रही। कविता जब आठ साल की थी, तब उसकी मां का निधन हो गया था। इसी बीच उसका बड़ा भाई (जन्म से नेत्रहीन) की भी नदी में गिरने से मौत हो गई थी।
इनका परिवार इतना गरीब था कि कई बार ये भूखे ही रात काटते थे। पिता भूपेंद्र सिंह की आजीविका का सहारा दिव्यांग पेंशन है, लेकिन आज उसे गांव ने ऐसा उपहार दिया है कि उसकी आंखों से खुशी के आंसू निकल गए। वहीं कविता को अपनी अर्धांगिनी बनाकर ग्राम धनाऊ का जयपाल सिंह भी खुद को सम्मानित महसूस कर रहा है।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की विशेष रिपोर्ट