सभी तरह की जिम्मेदारी पुलिस की क्यों?

हम सभी जानते हैं कि पुलिस का भय डर सभी को रहता है । और वास्तविकता में पुलिस का डर रहना भी चाहिए । लेकिन बन्धुओ पुलिस समाज सेवक है । पुलिस कर्मियों के ऊपर सबसे ज्यादा दबाव रहता है । प्रदेश सरकार का दबाव ,उनके आलाधिकारी का दबाव ,क्षेत्रीय नेताओं का दबाव, यहां तक कि मीडिया कर्मियों का दबाव ।पुलिसकर्मियों को आम जनता से लेकर मंत्री मुख्यमंत्रियों तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी रहती है ।
आज के समय मे अधिकांश पुलिस विभाग पर टिप्पणियां की जाती है । पुलिस विभाग को भष्ट विभाग बताया जाता है । रिश्वतखोरी के इल्जाम अक्सर पुलिस विभाग पर लगते रहते हैं ।
पर बंधुआ आपने कभी सोचा है कि हर गड़बड़ी में पुलिस का ही हाथ होता है । नहीं जितना भी भ्रष्ट काम चल रहा है धाधलेबाजी चल रही है उसके जिम्मेदार हम आम नागरिक हैं, हमारे वो मीडियाकर्मी बंधु हैं जो वास्तविकता को नहीं दिखाते हैं नहीं छापते हैं ।
अगर कहीं कच्ची शराब या अन्य मार्का शराब बिक रही है तो उसकी जिम्मेदार पुलिस नहीं है । पब्लिक को आबकारी विभाग के पास इससे संबंधी शिकायत करनी चाहिए कार्रवाई करानी चाहिए।
अगर हरे भरे आम के पेड़ नीम के पेड़ से शीसम के पेड़ काटे जा रहे हैं तो उसके जिम्मेदार पुलिस नहीं है । उसके लिए हमें वन विभाग को सूचित करना चाहिए और कार्यवाही करानी चाहिए ।

अगर ओवर लोड वाहन चल रहे हैं डग्गामार वाहन चल रहे हैं तो उसकी जिम्मेदार पुलिस नहीं है ।
उसके लिए हमें आरटीओ को सूचित करना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए ।

अगर फर्जी स्कूल या इंटर कॉलेज चल रहे हैं तो उसकी जिम्मेदार पुलिस नहीं है । हमें शिक्षा विभाग के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक अधिकारी को सूचित कर कार्यवाही करनी चाहिए ।

अगर फर्जी डॉक्टर की दुकानें फर्जी मेडिकल चल रहे हैं तो उसके लिए पुलिस जिम्मेदार नहीं है । इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ या नोडल अधिकारी को सूचित करना चाहिए कार्रवाई करानी चाहिए ।

अगर आपकी जमीन पर किसी ने कब्जा कर रखा है तो उसकी जिम्मेदार पुलिस नहीं है ।आपको एसडीएम या तहसीलदार महोदय को सूचित कर कार्रवाई करनी चाहिए ।

मित्रो बातें तो बहुत हैं हमें समझना चाहिए । हमें सही दिशा में अपना कदम बढ़ाना चाहिए । पुलिस भी आखिरकार इंसान होती है । 60 विभागों का मतलब वास्तव हम सभी से पड़ता है । क्यों ना जाने हर विभाग के बारे में और जो कमिया है उन संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दूर कराएं ।

– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट

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