कोरोना जंग-ए-मैदान में विगत तीन माह से अनवरत सेवा में तैनात हैं डॉ0 दीवान सिंह नेगी

उत्तराखंड – राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय असनखेत में कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी रिखणीखाल के ग्राम ढुंगधार,टकोलीखाल निवासी डॉ.दीवान सिंह नेगी शांत स्वभाव एवं पहाड़ी सात्त्विक जीवनशैली अपनाने व लगभग पांच फुट कद काठी के हंसमुख स्वभाव वाले ठेठ पहाड़ी वर्ष 1993 में जनता इंटरमीडिएट कालेज टकोलीखाल से एवं वर्ष 1995में किल्बोखाल से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले दीवान सिंह का प्रारंभ से ही जनसेवा भाव का जज्बा आत्मसात किये था, जबकि स्थितियां आगे की पढ़ाई को अनुकूल नहीं थीं, फिर भी उनके चाचा एवं बड़े भाई भोला सिंह नेगी के हौंसले ने उनको पढ़ने में पीछे नहीं रहने दिया। अपने बाल्य काल के पांचवें वर्ष में ही पिता खबर सिंह का साया हटने से सारी जवाबदेही मां तथा बड़े भाई ने निभाई। स्नातक की शिक्षा हेतु राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में बीएससी प्रथम में दाखिला लिया।साथी यशवंत सिंह उनके घर के पड़ोसी रूममेट बने।अब दीवान का गोल सीपीएमटी परीक्षा की तैयारी का था और दो साल बाद उन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली । जबकि साथी यशवंत की दिलचस्पी होटल लाइन में थी और वे कोर्स कर आज प्रख्यात शेफ बन गए। बीएएमएस का कोर्स संपन्न कर कुछ समय अन्य तैयारियों में लगा और संविदा रूप में पहली नियुक्ति 2007में खिर्सू ब्लाक में हुई। सन् 2010में मां काशंबरी देवी का भी देहांत हो गया।अपनी चिर-परिचित मुस्कान से जाने जाने वाले डॉ. नेगी कहीं पर भी कभी भी अपने सुझाव देते दिखाई देते हैं।यही वजह है कि उनके चाहने वालों की कोटद्वार-असनखेत -रिखणीखाल से टकोलीखाल तक उनकी इंतजारी रहती है।
बतौर डॉ.नेगी किसी भी संक्रमण से बचने हेतु रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना आवश्यक है। उनकी सलाह मानें तो दिनचर्या नियमित हो,प्रात:काल योग प्राणायाम से
मन:स्थिति को सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति व वर्तमान परिदृश्य में तनाव से मुक्ति मिलती है।
प्रकृति प्रदत्त दालचीनी,नशुंटीचूर्ण, कालीमिर्च ,अदरक मात्रात्मक मिश्रित कर बायल कर काढ़ा बनाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।गिलोय स्वरस गिलोय चूर्ण का प्रयोग लाभकारी है। इसके साथ साथ भारत-सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एप्प आयुष संजीवनी से भी जानकारी ली जा सकती है।साथ ही यह भी आवश्यक है कि सामाजिक दूरी, शारीरिक दूरी,मास्क का प्रयोग किया जाना, अनावश्यक घर से बाहर न निकलना प्रत्येक व्यक्ति को जीवन ज़ीने को आदतों में शामिल करना चाहिए।
शिद्दत से अपने काम को अंजाम देने में सक्षम डॉ.नेगीअपने सेवित क्षेत्र के असनखेत,धौलखेत,जाख मल्ला- बिचला-तल्ला,ढकसुण,चिणबो,मंथला,घांघली,चमेठा,सिसल्डी,थलमेटी,महरगांव,ड्यूडी,गोडला,विंतला,पडेरगांव,सुनकटला,धौड़ा वल्ला – पल्ला,मलधार ,बंदखणी आदि गांवों सहित अनेक कोरंटाइन केंद्रों में थर्मल स्क्रीनिंग और परामर्श देते हुए दृष्टिगोचर होते हैं। जहां वे अपने पेशे को निष्ठा, मनोयोग से कर्मशील बनाये हुए हैं वहीं दूसरी ओर उनका मृदुल सर्वभाव भी उनकी कार्यशैली को कोरोना वारियर्स के रूप में फलीभूत कर रहा है।

बिनीता ध्यानी,रिखणीखाल

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