कोरोना काल में संतों की भूमिका को परिभाषित कर रहें हैं शिवानंद महाराज

बरेली- कोरोना काल में संतों की भूमिका को परिभाषित कर रहें हैं बरेली के शिवानंद महाराज ।इस विपत्ति के समय में हर संभव मदद गरीबों व असहायों की करनें में पीछे नहीं हट रहें है।किसी को राशन की आवश्यकता हो तो तुरंत उसे मदद पहुंचा कर सहायता करतें है गली मोहल्लों को सेनेटाइज किया जाना हो तो उसमें भी प्रशासन की मदद लेकर पीछे नहीं है शिवानंद महाराज ।

चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से लोगों की जान ले रहा है।दुनिया के कई ताकतवर देश भी कोरोना वायरस के आगे घुटने टेकते नजर आ रहे हैं।कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा अगर कोई देश प्रभावित हुआ है तो वह अमेरिका है।यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 10 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है जबकि 61 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं भारत भी इसकी चपेट में आ चुका है इस महामारी को भारत में रोकने के लिए पूरे भारत को लाॅक डाउन कर दिया गया है ।ऐसे में गरीब और असहायों के सामने दो बक्त की रोटी की समस्या खड़ी होना लाजिमी है सरकार भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि कोई भूखा न सोये तो वहीं समाजसेवी संस्थाये भी आगे बढकर कोरोना की इस लडाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं ।

ऐसे में बरेली के शिवानंद महाराज ने संतो की भूमिका को परिभाषित करते हुए हर किसी की मदद का बीड़ा उठाया है जनप्रतिनिधियों से मिलकर सहयोग कराना हो राशन का वितरण हो भोजन का वितरण हो शहर या गली को सेनेटाइज किया जाना हो कहीं मास्क की आवश्यकता हो हर तरफ पूरा सहयोग करके हर हाल में कोरोना की लडाई को जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं बरेली के शिवानंद महाराज ।यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि जो संत का दायित्व है उसे भली भांति निभा रहें है शिवानंद महाराज ।टीवी पर तो आये दिन कोई न कोई संत दिखाई देते है बड़ी बड़ी बाते करते है किन्तु पता नहीं क्यों इस संकट की घड़ी में दिखाई नहीं दे रहें ।देशभर में इस संकट की घड़ी में जहाँ भगवान के दरवाजे भी बंद है वही उनके प्रतिनिधि के रूप संत सामने आते हैं और शिवानंद महाराज आज उसी भूमिका को परिभाषित करते हुए देखे जा सकते हैं ।

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