*संघ ने कहा ” पूर्व में भी स्कूलों में कोरोना से संक्रमित बच्चों की रिपोर्ट सामने आई थी, उसके बावजूद जिला प्रशासन ने नही लिया था कोई संज्ञान “
राजस्थान/बाड़मेर – लंबे अंतराल के बाद बुधवार से प्रदेश में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूल खुल रहे है शिक्षा विभाग ने सख्त एसओपी की पालना के साथ स्कूलो को खोलने के निर्देश दिए है, एसओपी की पालना नही करने वाले स्कूल संचालकों पर कार्यवाही की बात भी दोहराई गई है। इन सब के बावजूद अभिभावक स्कूलो को खोलने के विरोध में है, संयुक्त अभिभावक संघ ने दावा किया है कि प्रदेश का 75 प्रतिशत से अधिक अभिभावक कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप के चलते बच्चो को स्कूल भेजना नही चाहते है, बकायदा संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार से पुर्न: विचार करने का निवेदन किया था किंतु अभिभावकों की मांगो को नजरअंदाज कर दिया। अब संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा है कि बुधवार से खुल रहे स्कूलो में अगर एसओपी की पालना निर्धारित नही होती है तो स्कूल, स्कूल संचालकों पर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि पूर्व में भी प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में एसओपी की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल संचालकों ने लापरवाही बरतते हुए बच्चों के जीवन को संकट में डाला, प्रदेश के विभिन्न स्कूलो में कोरोना से संक्रमित बच्चों की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमे जयपुर शहर के जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर स्कूल, सी-स्किम सहित आधे दर्जन स्कूलो ने लापरवाही बरती थी, शिक्षा विभाग को शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद इन स्कूलो पर कोई कार्यवाही नही की गई, उसके बाद 20 अप्रैल 2021 को अजमेरी गेट स्थित एमजीडी स्कूल का मामला सामने आया था जिस पर बकायदा एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी किन्तु उस मामले को भी आपसी सेंटिगबाजी कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। किन्तु इस बार संयुक्त अभिभावक संघ स्कूलों को लेकर पूरी तरह से सतर्क है, जिन – जिन स्कूलो में एसओपी की पालना निर्धारित नही की जाएगी, कोई बच्चा अगर कोरोना संक्रमित पाया गया तो उन स्कूलो और उनके संचालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाकर कानूनी कार्यवाही करवाई जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि स्कूल खुलने के ऐलान के बाद संचालको ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है बकायदा एसओपी की धज्जियां उड़ाते हुए बच्चों की पूरी जिम्मेदारी अभिभावकों पर डाल दी है, फोन कॉल कर अभिभावकों को बताया जा रहा है कि ” आप बच्चों को स्कूल भेजे या ना भेजे फीस जमा करवाये ” अन्यथा जो ऑनलाइन क्लास चल रही है उसे बन्द कर दिया जाएगा और एक्जाम भी देने नही दिये जायेंगे। स्कूलो के इस व्यवहार से साफ झलकता है कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों के साथ आपसी साथ-गांठ कर केवल अभिभावकों को लूटने का षड्यंत्र रचा रहा है। किंतु संयुक्त अभिभावक संघ स्कूलो और राज्य सरकार को चेता देना चाहता है कि अभिभावक अब ना कमजोर है ना ही अब उन्हें लुटा जा सकता है, अभिभावक कोरोना को लेकर भी सतर्क है और बच्चों को लेकर स्कूलो की हरकतों से भी सतर्क है। अभिभावक अब ईंट का जवाब पत्थर से देंगा।
प्रदेश विधि मामलात मंत्री अमित छंगाणी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य लाभ लेकर सोमवार को हॉस्पिटल से सरकारी निवास पर पहुंचे, उसके बाद उन्होंने सर्व प्रथम कोरोना को लेकर ही सन्देश जारी किया जिसमें मुख्यमंत्री ने खुद दावा किया कि कोरोना की तीसरी लहर लगातार अपने पांव पसार रही है 55 हजार से अधिक मामले प्रतिदिन सामने आ रहे है उसके बावजूद केवल नसीहतों का पाठ पढ़ा रहे है और सतर्कता बरतने का गुणगान कर निजी स्कूलों के मनमानियों के आगे घुटने टेक रहे है। मुख्यमंत्री को नसीहतों का पाठ पढ़ाने की बजाय खुद उस पर अमल करते हुए सतर्कता बरतनी चाहिए। जिस प्रकार कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिरों को बंद रखा उसी तरह स्कूलो को बंद करने पर विचार करना चाहिए। अगर स्थिति भयावह होती है तो समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की होगी।
– राजस्थान से राजूचारण