फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना की वजह से इस बार रामलीला मंचन होने पर संशय है। अभी आयोजक मंचन कराने का मन नहीं बनाए हैं। ऐसा कई साल में पहली बार हुआ है कि मंचन नहीं होगा। वक्त के साथ ही रामलीला के आयोजन का स्वरूप भी बदल गया। वर्तमान में फतेहगंज पश्चिमी रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता और अन्नू लाला ने बताया कि कस्बे के रामलीला ग्राउंड में प्रतिवर्ष रामलीला का आयोजन होता है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए रामलीला का आयोजन नहीं होगा। इसके अलावा शहर के चौधरी तालाब पर भी प्रतीकात्मक रामलीला की बात कही जा रही है। साथ ही सभी दशहरे मेले स्थगित कर दिए गए हैं। गैर जनपदों मुख्यता मुरादाबाद, वृंदावन आदि में आने वाली रामलीला पात्रों का अभिनय करने वाले कलाकारों की मंडली इस बार नहीं आ सकी है। जिससे देहात क्षेत्रों की रामलीला भी हो पाना संभव नहीं हो सकेगा। वहीं रामलीला व दशहरा स्थित से तमाम लोगों के रोजी रोजगार भी प्रभावित हो रहे है। रावण कुंभकरण, मेघनाथ आदि के पुतले बनाने वाले कलाकारों को वर्ष में यही मौका आमदनी के लिए मिल पाता था। मगर मेला टलने की वजह से उनकी रोजी-रोटी पर प्रभाव पड़ा है। वही रामलीला मंचन के कलाकारों के आगे भी आर्थिक संकट घर आना लाजमी है। दशहरा मेला स्थगित होने की वजह से ठेले फढ़ वालों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। मगर सभी जगह की रामलीला कमेटियों के पदाधिकारियों का मानना है कि रामलीला मंचन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करा पाना मुश्किल है। ऐसे में तमाम कमेटियों ने केवल पूजा पाठ भंडारा आदि के आयोजन का ही निर्णय लिया है। चौधरी तालाब पर हर वर्ष होने वाली रामलीला के बाबत यहां कि रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धीरेंद्र शुक्ला ने कि विगत 452 वर्षों से होने वाली श्री रामलीला का आयोजन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण पहले की तरह नहीं हो सकेगा। रविवार शाम से वहां रामलीला का प्रतीकात्मक मंचन शुरू किया जाएगा। जिसमें कोविड-19 के तहत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। हरि मंदिर कमेटी के मीडिया प्रभारी जतिन दुआ ने बताया कि पिछले कई वर्षों से मॉडल टाउन स्थित दशहरा मेला ग्राउंड में रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते पुतलों का दहन नहीं किया जाएगा और न ही किसी प्रकार के मेले का आयोजन किया जाएगा। पर्वतीय समाज रामलीला कमेटी के महासचिव कुंवर सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्वतीय समाज की रामलीला का मंचन पिछले 55 साल से लगातार होता आ रहा है। इस बार कोरोना को ध्यान में रखते हुए। इसे स्थगित करने का निर्णय कमेटी के पदाधिकारियों ने लिया है। उन्होंने कहा कि रामलीला में जनसंख्या पर प्रतिबंध लगा पाना संभव नहीं होगा। मढ़ीनाथ रामलीला कमेटी के लोग रामलीला मंचन की तैयारी में जुट चुके थे। इसके लिए रसीद बुक छपवाकर चंदा इकट्ठा करना शुरु हो गया था। मगर शनिवार को कमेटी के सदस्यों ने रामलीला व दशहरा मेला के आयोजन को स्थगित कर दिया। कमेटी के पदाधिकारियों ने फैसला लिया कि कमेटी के आजीवन सदस्य आपस में मिलकर दशहरा पर्व के आसपास भंडारा एवं हवन पूजन का आयोजन कराएंगे।।
बरेली से कपिल यादव