बरेली। कोरोना काल में लेन-देन का ऑनलाइन चलन बढ़ने से साइबर क्राइम में भी तेजी से इजाफा हुआ है। बीते छह महीनों में इसमें करीब दो गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। सबसे ज्यादा मामले मई में रिकॉर्ड किए गए थे। लॉकडाउन के बाद से फैले कोरोना खौफ के बीच अब शहर में ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ गई है। इसका फायदा साइबर अपराधियों ने भी उठाना शुरू कर दिया है और ठगी के मामले कई फ़ीसदी भी बढ़ गए है। साइबर ठगों द्वारा लोगों को रूटीन की सामान, दवाइयां, ट्रांसफर के नाम पर सस्ता फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है जबकि इससे पहले कार्ड स्वैपिंग, वेरिफिकेशन और दूसरे तरीके की ठगी ज्यादा थी। इस दौरान तेजी से बड़ी शिकायत में एक भी केस का समाधान नहीं हुआ है। साइबर हैकर्स ने विधायक, पुलिस अधिकारी तक को नहीं छोड़ा है। ऑनलाइन शराब और मेडिसिन पर भारी डिस्काउंट का लालच देकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। कई बार यह भी बताया जाता है कि अफसर का ट्रांसफर हो गया है। उनके घर का फर्नीचर इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि को कम दामों पर बेचा जा रहा है। यही नहीं ठग लोगों को मैसेज के जरिए कोरोना से बचाव के तरीके के नाम पर लिंक भेज रहे है। लिंक खोलते ही व्यक्ति की सभी डिटेल ठग तक पहुंच जाती है। कोरोना से बचाव में जिंदगी के प्रति लोग अधिक से सजगता बरत रहे है। इसका फायदा भी साइबर ठग उठा रहे है। सस्ता एलआईसी और इंश्योरेंस पॉलिसी का झांसा देकर लोगों से ठगी की जा रही है।
ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने से साइबर क्रिमिनल सक्रिय हो चुके हैं। नकली साइट बनाकर लोगों के रूटीन के सामान, दवाइयां, सैनिटाइजर ट्रांसफर और नौकरी लगाने का झांसा देकर फर्नीचर व इलेक्ट्रॉनिक सामान सस्ता बेचने के नाम पर ठगी की शिकायतें बढ़ी है। लोगों को सतर्क करने के साथ मामलों पर जांच की जा रही है।
- उमेश त्यागी, साइबर सेल प्रभारी, बरेली
बरेली से कपिल यादव