श्रावस्ती – श्रावस्ती पूर्व के वर्षों में जिले में आई बाढ़ के अनुभव के आधार पर संभावित बाढ़ के मद्देनजर बचाव हेतु अभी से सभी तैयारियां युद्धस्तर पर पूरी कर ली जाए और वर्ष 2014, 2017 एवं जून 2020 में आयी बाढ़ के दौरान राप्ती बैराज लक्ष्मनपुर खतरे का निशान 127.70मी0 पर कितने गांव व मजरे बाढ़ से प्रभावित होंगे उन गांवों की सूची एवं शरणालय का चिन्हांकन करके रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय ताकि जिले में यदि बाढ़ भी आ जाती है तो तत्काल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहॅुचाते हुये बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता दी जा सके। उक्त निर्देश कलेक्ट्रेट सभागार में संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी उपजिलाधिकारियों/तहसीलदारों के साथ बाढ़ से प्रभावित होने वाले राप्ती नदी के आस-पास बसे अति संवेदनशील गांवों / मजरोंवार राहत एवं बचाव कार्य के लिए की गयी तैयारी बैठक की गहन समीक्षा करने दौरान जिलाधिकारी सुश्री यशु रुस्तगी ने दिया है। उन्होने जोर देते हुए कहा कि जिले में संभावित बाढ़ आने पर बाढ़ पीड़ितो को सरकार द्वारा प्रदत्त हर सुविधाऐं मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है, इसलिए सम्बन्धित क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों का दायित्व बनता है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में गत वर्षो एवं इस वर्ष जून 2020 में आयी बाढ़ के दौरान प्रभावित हुये ग्रामवासियों से बात कर उनकी समस्याओं को जाने और उन समस्याओं का समाधान को दृष्टिगत रखते हुये वैसे ही अपनी तैयारी सुनिश्चत की जाये ताकि यदि बाढ़ आ भी जाती है तो बाढ़पीड़ितों के राहत एवं बचाव कार्य में कोई दिक्कत न होने पावे।
अंकुर मिश्र श्रावस्ती