कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवा का उपयोग करना प्रभावी रहेगा। कोरोनो वायरस अगर लंबे समय तक अपना प्रभाव बनाए रखने में सफल हो जाए या घातक स्तर पर पहुंच जाए तो जानलेवा हो जाता है। होम्योपैथिक दवाइयाँ शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का काम करती है इससे रोगों से बचा जा सकता है।इन दवाईयो का उपयोग उपचार एवं संक्रमण से बचाव के लिये भी किया जा सकता है।
समय रहते बचाव कर लेने पर गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए होम्योपैथी की ‘आर्सेनिक एल्बम-30’ को 4 दिन तक खाली पेट 1 बार लेने पर कारगर है।कोरोना वायरस का खतरा सामान्य तौर पर उन लोगों को अधिक है, जिनकी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।होम्योपैथिक दवा का उपयोग करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है। सावधानी बरतकर महामारी बन चुकी इस बीमारी से बचा जा सकता है।
कोरोना पोस्टिव होने पर लक्षणों के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण दवाईया हैं जो दी जा सकती है।जैसे ब्रायोनिया एलवा ,पलसैटिला,काली ग़ुरूप ,आरसैनिक एल्बम ,एंटिना टारट , सैलिशिया, लाईकोपोडियम, कैम्फर सल्फ़र इत्यादि।जिसका चयन फ़िज़िशियन के ज्ञान अनुभव एवं सही लक्षणों के अनुरूप दवाई का चयन करना प्रभावशाली होगा। इन दवाओं का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।
होम्योपैथिक दवाइयाँ किसी भी स्थिति या बीमारी के इलाज के लिए प्रभावी हैं । चिकित्सक का अनुभव उसका सबसे बड़ा सहायक होता है।
डॉ पी डी गर्ग
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक