आज़मगढ़- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने पंचायती राज विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रगति खराब मिलने तथा कार्यों के प्रति बरती गयी घोर लापरवाही के कारण जहाॅं बीडीओ तरवाॅं को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया वहीं डिजिटल सिग्नेचर बनवाने एवं जियो टैगिंग आदि कार्यों में घोर लापरवाही बरतने के कारण पवई के एडीओ पंचायत एवं ग्राम पंचायत अधिकारी को निलम्बित करने का निर्देश दिया है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी अपने कैम्प कार्यालय पर पंचायती राज विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। समीक्षा में पाया गया कि लगभग 90 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण हो चुका है परन्तु खातों में लगभग 105 करोड़ की धनराशि अवशेष है, जबकि गत 17 अक्टूबर को आयोजित बैठक में इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि विवादित एवं अन्यत्र विस्थापित लाभार्थियों को छोड़ कर अन्य पात्र सभी लाभार्थियों के खाते में धनराशि तत्काल आन्तरित करना सुनिश्चित किया जाय। इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी तरवाॅं के स्तर से कोई कार्यवाही नहीं किये जाने को गंभीरता से लेते हुए मण्डलायुक्त ने उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने इस सम्बन्ध में समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि दो दिन के अन्दर सभी शौचालय निर्माण हेतु पात्र लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजते हुए खाते में अवशेष धनराशि रह जाने के कारणों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए पूरा विवरण उपलब्ध करायें। उन्होंने आगाह किया कि यदि दो दिन बाद किसी लाभार्थी के खाते धनराशि पहुंचना अवशेष पाया जाता है तो सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। डिजिटल सिग्नेचर बनाये जाने की स्थिति की समीक्षा में यह तथ्य प्रकाश में आया कि विकास खण्ड पवई के एडीओ पंचायत राजेन्द्र कुमार द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है, जबकि इसी विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत अधिकारी पतिराम का कार्य सबसे खराब है। इस पर मण्डलायुक्त ने इन दोनों अधिकारियों को निलम्बित करने का निर्देश दिया। विकास खण्ड पवई के ही दो अन्य ग्राम पंचायत अधिकारी राम मिलन एवं अखिलेश का कार्य भी सन्तोषजनक नहीं मिलने पर इन दोनों की वेतन वृद्वि रोकने हेतु उप निदेशक पंचायतीराज को निर्देशित किया। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी द्वारा की गयी समीक्षा में यह भी पाया गया कि मण्डल के तीनों जनपदों में आॅपरेशन कायाकल्प के तहत किये जाने वाले कार्यों पंचायत भवन का अनुरक्षण तथा प्राथमिक,उच्च प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, एएनएम सेन्टरों, शासकीय विद्यालयों आदि में माॅडल शौचालयों का निर्माण कराने एवं उसकी जिओ टैगिंग का कार्य लक्ष्य से बहुत कम है। उन्होंने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए आज़मगढ़, मऊ एवं बलिया के डीपीआरओ से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार विकास खण्ड अजमतगढ़, फूलपुर एवं तरवाॅं में डिजिटल सिग्नेचर बनने के बावजूद भुगतान शून्य पाये जाने पर भी मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित पंचायत सेकेट्री को चार्जशीट देने हेतु निर्देशित किया। शौचालय निर्माण की धनराशि खातों में अवशेष रह जाने सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि ब्याज की धनराशि, अन्य मद की धनराशि एवं विवादित स्थल होने के कारण अनारम्भ शौचालय निर्माण, चयनित लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने के कारण बड़ी मात्र में धनराशि अवशेष है। इस पर मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने निर्देश दिया कि दो दिन के अन्दर पात्र सभी लाभार्थियों के खाते में धनराशि अनिवार्य रूप से आन्तरित कर दिया जाना सुनिश्चित किया जाय। इसके बावजूद जो धनराशि बचती है उसका पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाय। इस अवसर पर उप निदेशक पंचायतीराज राम जियावन, जिला पंचायत राज अधिकारी आज़मगढ़ श्रीकान्त दर्वे, स्वच्छता समन्वयक राजू पटेल सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ पंचायत आदि उपस्थित थे।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़