रोहतक/हरियाणा- सरकार की वादाखिलाफी से नाराज सैंकड़ों आशा वर्करों ने आशा वर्कर्स यूनियन (सीटू) के बैनर तले सिविल सर्जन कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन कर डिप्टी सीएमओ के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा।
आक्रोशित आशा वर्करों को संबोधित करते हुए सीटू राज्य उपाध्यक्ष रामचन्द्र सिवाच और आशा वर्कर्स यूनियन कि जिला प्रधान अनीता भाली ने कहा कि एक तरफ सरकार लिंगानुपात में बड़ा सुधार होने के लिए अपनी पीठ थपथपा रही है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली आशा वर्कर्स जिनकी लिंग अनुपात को सुधारने में बहुत बड़ी भूमिका है, उसे नजर अंदाज कर रही है।
उनका कहना था कि 4 महीने से आशा वर्करों की प्रोत्साहन राशि ओं का भुगतान केंद्र व राज्य सरकार ने नहीं किया है आशा वर्कर स्वास्थ्य विभाग की हर योजना को गांव गांव पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभा रही है और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करवाने वाली इन आशा वर्कर्स के प्रोत्साहन राशियों का ना ही समय पर भुगतान होता है, ना ही उनका कोई हिसाब-किताब होता है।
उन्होंने बताया कि 11 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पूरे देश की आशा वर्कर्स की प्रोत्साहन राशियों को दुगना करने की घोषणा की थी परंतु हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री की घोषणा को हरियाणा में लागू नहीं किया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि इन सभी समस्याओं के चलते आशा वर्कर्स आंदोलन करने को मजबूर है आशा वर्कर यूनियन लगातार विभाग व सरकार को लिखित में पत्र लिखकर समस्याओं को निपटाने के लिए बातचीत का समय लेने की कोशिश कर रही है परंतु सरकार लगातार इस कोशिश को अनदेखा कर रही है, जिससे आशा वर्कर्स आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं।
वर्करों को सम्बोधित करते हुए यूनियन जिला सचिव सोनिया मुंगाण व कोषाध्यक्ष कमलेश लाहली ने कहा कि यूनियन सरकार की टालमटोल की नीति को बरदाश्त नहीं कर सकती क्योंकि वर्करों को उनकी मेहनत के अनुसार मानदेय नहीं मिलता है।
उन्होंने मिशन डायरेक्टर को नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया, जिसमें 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने, सभी आशा वर्कर को न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए प्रतिमाह देने, सभी वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा जैसे ईएसआई और पीएफ प्रदान करने, हर महीने की 10 तारीख से पहले प्रोत्साहन राशियों का पैसा खातों में जमा करने के साथ-साथ स्टेट और सेंटर की सभी प्रोत्साहन राशियों का भुगतान एक साथ करने था।
इसके अलावा सेल्फ अप्रेजल की बुक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाए और इसके अक्षरों का साइज थोड़ा बड़ा किया जाए ताकि रिपोर्ट लिखने में सुविधा हो सके ।यूनियन ने एनसीडी का पूरा सामान और उसकी गाइडलाइन देने की मांग भी की है। इसके अलावा सभी आशाओं के पास एनसीडी के रजिस्टर होने चाहिए आशाओं को रजिस्टर फोटो कॉपी करवाने को कहा जाता है लेकिन फोटो कॉपी करने की राशि विभाग से नहीं मिलती है।
सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान कर्मबीर सिवाच और यूनियन नेत्री ललिता ने कहा कि सभी आशाओं को आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा बनाया जाए ताकि उन्हें भी अपने बच्चों का इलाज करने की सुविधा प्राप्त हो सके। इसके साथ साथ ट्रेनिंग में खाने की गुणवत्ता तथा स्टेशनरी अच्छी प्रकार की प्रदान की जाए। ट्रेनिंग के लिए गाइडलाइन भी उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने हरियाणा सरकार से एएमसी पर बढ़ाई गई राशि के लिए कंप्लीशन की शर्त को हटाने की मांग भी की। उन्होंने बताया कि विभाग कर्मचारियों से काम तो ज्यादा लेता है लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं तक नहीं देता है।
आज की विरोध कार्यवाही को भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव सत्यनारायण ने भी समर्थन किया। पुष्पा बलियाना, पूनम, ईस्माइला, सीमा बनियानी, गीता बैन्सी, ज्ञान गरणावठी, नीरज, मूर्ति, सोनिका काहनौर, सुनीता सुनारिया, सुदेश मोखरा, रजनी, रानी सांपला, निक्की सांघी, रीना, वीना, सुनीता प्रमुख रूप से शामिल रही।
– हर्षित सैनी रोहतक