पश्चिम बंगाल में जूनियर डाक्टरों पर हुए घातक हमले के विरोध में खतौली के चिकित्सकों में भी भारी उबाल

मुज़फ्फरनगर /खतौली- पश्चिम बंगाल में एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर डाक्टरों पर हुए घातक हमले के विरोध में खतौली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों में भी भारी उबाल देखने को मिला । इस दौरान खतौली एस डी एम को प्रधान मंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

बता दें कि ज्ञापन में दिए गए हवाले के अनुसार बुधवार को पशिम बंगाल में अस्पताल में एक दुखद घटना घटित हुई । जिसमें एक 85 वर्ष के वृद्ध की मृत्यु के पश्चात हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टरों पर पथराव व घातक हमला किया गया और उन्हें मरणासन्न कर दिया गया।डॉक्टरों ने बताया की उनके साथ इस तरह की घटनाएं हिंदुस्तान में रोजाना हो रही है जिसके कारण चिकित्सक अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।घटना को लेकर अब जनपद के चिकित्सकों में भी भारी उबाल है। चिकित्सकों का कहना है चुनाव में समर्थन देने के बाद भी ऐसी दुखद घटनाओं का सामने आना बेहद निंदनीय है।

चिकित्सकों ने ज्ञापन में दिए गए उल्लेख में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि आप अपने कथन पर अमल करें “सबका साथ,सबका विकास” चिकित्सकों ने बताया हम भी समाज का एक भाग है हमारी मांगों पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए । प्रधानमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में चिकित्सको ने मांग की है कि घायल चिकित्सकों का फ्री इलाज तथा जब तक स्वस्थ नहीं हो जाते उन्हें आर्थिक मदद के रूप में 5 करोड़ रुपए दिए जाएं चिकित्कों को अविलंब सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

क्या था पूरा मामला:-

गौतलब है कि पश्चिम बंगाल के कई जिलों में चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के बीच बर्दवान मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल में बुधवार को पथराव में चार जूनियर डॉक्टर घायल हो गए थे।अस्पताल के उपाधीक्षक अमिताव साहा ने कहा, ‘चिकित्सक शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे,जब कुछ गुंडों ने पूर्वान्ह 11 बजे पथराव किया।इसमें एक इंटर्न मयंक अग्रवाल (22) के माथे पर गंभीर चोट लगी,
जबकि 3 अन्य को मामूली चोटें आईं हैं।’
उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इंटर्न पर हमले का विरोध कर रहे थे और इस वजह से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बंद थे । लेकिन पथराव के बाद आपातकालीन सेवाएं भी बाधित हो गईं थी।

साहा ने कहा आपातकालीन सेवाओं को खुला रखा गया था। भर्ती मरीजों का इलाज किया जा रहा है,
लेकिन जैसे ही स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो बाहरी लोगों को अंदर आने से पूरी तरह रोक दिया गया।उन्होंने कहा कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और सभी वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर हैं।
चिकित्सकों ने अपना धरना जारी रखा है। डॉक्टरों के प्रदर्शन बांकुड़ा, बीरभूम और कूचबिहार जिलों में भी देखे गए। कोलकाता में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में मरीजों के परिवार के सदस्यों ने अपने बीमार परिजनों के इलाज की मांग को लेकर एजेंसी बोस रोड चौराहे पर यातायात को जाम कर प्रदर्शन किया।कुछ निजी अस्पतालों में सेवाएं भी बाधित हुईं क्योंकि उन्होंने चिकित्सकों के साथ एकजुटता दिखाई। आज इस मामले को लेकर खतौली के डॉक्टरों ने एस डी एम को प्रधान मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है ।

रिपोर्ट भगत सिंह /वसीम अहमद

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