मध्यप्रदेश/ तेन्दूखेड़ा/दमोह- तीन जिलों में फैला हुआ नौरादेही वन्य अभ्यारण्य में शनिवार का दिन ऐतिहासिक दिन कहलाएगा ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार यह अभ्यारण्य तीन शावकों की किलकारियों से गूंज उठा है यहां पर बाघिन राधा ने गुरुवार शुक्रवार की रात तीन शावकों को जन्म दिया है जो पूरी तरह से स्वास्थ्य है राधा यानी(एन1) के प्रसव होने की जानकारी लगते ही नौरादेही अभ्यारण्य अमला अलर्ट हो गया था जो अभी बाघिन पर चौकस नजर बनाए हुए हैं डीएफओ अंकुर अवधिया ने बताया है कि इस समय बाघिन व उसके शावक स्वस्थ्य है और गुफा में हैं विदित हो कि यह अभ्यारण्य अप्रैल 2018 तक बाघ विहीन था लेकिन अभ्यारण्य में बाघों को लाएं जाने की योजना वर्षों से चल रही थी जिस पर 9 अप्रैल 2018 को कान्हा नेशनल पार्क से एक ढाई वर्षीय बाघिन को लाया गया था व कुछ दिन के भीतर ही 30 अप्रैल को बांधवगढ़ नेशनल पार्क से एक चार वर्षीय व्यस्क बाघ को भी लाया गया था अभ्यारण्य में छोडे़ जाने के समय बाघ को किशन व बाघिन को राधा नाम दिया गया था।अभ्यारण्य में पहले बाघ को छोड़ा गया था और करीब एक माह बाद बाघिन के छोडे़ जाने के पांच दिन बाद दोनों में मुलाकात हुई थी और इसके बाद यह हमेशा से ही एक साथ देखे गए हैं।
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*जहरखुरानी के चलते उम्मीद कम थी कि कभी मां बनेगी*
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डीएफओ डॉ अंकुर अवधिया के अनुसार तीन साल पहले सिवनी छिंदवाड़ा स्थित पेंच अभ्यारण्य में राधा के पूरे परिवार को शिकारियों ने जहरीला पदार्थ खिलाकर मार दिया था तब यह बाघिन 6 माह की थी लेकिन जहर की ज्यादा खुराक नहीं खाने के कारण इसे बचा लिया गया था बाद में दूध की बॉटल के जरिए इस बाघिन को कान्हा अभ्यारण्य में पाला पोसा गया डीएफओ डॉ अंकुर अवधिया का कहना है कि बाघिन के शरीर पर जहर के असर को देखते हुए हम लोगों को कम उम्मीद थी कि यह मां बन सकेगी लेकिन इसने एक साथ तीन शावकों को जन्म देकर यह सिद्ध कर दिया है कि बाघों के लिए नौरादेही अभ्यारण्य में उचित वातावरण है
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*तीसरा बाघ नहीं होने के कारण परिवार बढ़ने के चांस बढ़े*
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डीएफओ डॉ अंकुर अवधिया के अनुसार वर्तमान में अभ्यारण्य में पी-2 के अलावा दूसरा कोई नर बाघ नहीं है इसलिए इन नवजात शावकों के जीवित रहने के चांस बहुत बढ़ गए हैं सामान्यतः दूसरा नर होने की स्थिति में वे गर्भाधान के लिए शावकों को मार डालते हैं डीएफओ के अनुसार बिल्ली फेमिली में शामिल इस जोडे़ का परिवार तैयार होने से अब यहां चीता की सुरक्षित बसाहट पर भी मुहर लग गई है।
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*सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए गए*
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बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम कर दिए गए हैं डीएफओ अंकुर अवधिया ने बताया है कि विशेष प्रकार के कैमरे पूरे इलाके में लगा दिए गए हैं और चौबीसों घंटे क्षेत्र में निगरानी रखी जा रही है उन्होंने बताया कि बाघिन ने कितने मेल अथवा फीमेल शावकों को जन्मा है इसकी पुष्टि के लिए कुछ दिनों के भीतर विशेषज्ञों की टीम अभ्यारण्य पहुचेंगी और इसका पता लगाएगी हालांकि यह तभी होगा जब बाघिन गुफा के बाहर अपने शावकों के साथ निकलेगी।डीएफओ ने इस बात की अपील भी की है कि अभ्यारण्य के उस क्षेत्र में अभी कोई प्रवेश करने का प्रयास न करें जहां बाघिन अपने शावकों के साथ मौजूद हैं क्योंकि ऐसे में बाघिन किसी भी प्रकार का रुख अपना सकती है खासतौर से ऐसे बाघ की प्रवृत्ति अटैक करने की होती है
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*आधा किमी के व्यास में मानव की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है*
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बाघ के इस नए परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग ने शावकों के जन्म स्थान के आधा किमी के दायरे में मानव की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है स्टाफ को भी बाघ परिवार के आसपास जाने के लिए मना किया गया है उनकी देखरेख फ्लैश विहीन ट्रैकर कैमरों से की जा रही है ताकि बाघ परिवार को किसी तरह की समस्या ना हो इसके अलावा शिकारियों की टोलियों पर भी नजर रखी जा रही है वन अमले के साथ मुखबिरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
डॉ अंकुर अवधिया डीएफओ नौरादेही वन्य अभ्यारण्य सागर-
अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ने से सभी के लिए यह बहुत खुशी की बात है बाघिन व शावकों पर हर पल चौकस नजर रखी जा रही है इस समय बाघिन के नजदीक जाना संभव नहीं होता है सभी को बाघिन से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई है।
– विशाल रजक तेन्दूखेड़ा/दमोह