उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल-जहां एक तरफ हम संस्कृति,खानपान,बोली भाषा अपने रहन सहन को लगातार भूल रहे है वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो इन मूल्यों को संजोने में रात दिन लगे है।
पिकासो ने सायद सच ही कहा था कि अगर आप ने अपनी भाषा,संस्कृति,जाती को खो दिया तो आप जीवित ही मर चुके हो। यही 3 तत्व है जो हमारी पहचान हम से कराती है व दुनियाँ को बताती है हम कौन है।
इसी पहल को जारी रखने के लिए रिखणीखाल के अन्तर्गत रा.प्रा.वि.कोटडी में मनाया गया वार्षिकोत्सव यह प्रयास बिगत वर्षों से चल रहा है और अछि कामयाबी हांसिल हुई है ग्रामीण एकता व सौहार्द की।जहां बच्चों ने बिखेरी सांस्कृतिक छटा,शिक्षा ,संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिये किया प्रेरित ,मार्च पास्ट,व्यायाम भी रहे आकर्षण का केंद्र ,ले भूजी जाला बै च्यूड़ा,मालूग्वीरलू क बीच,रणिहाट नी जाणूं गजे सिंह ,बेटी पढाओ बेटी बचाओ आदि प्रस्तुतियों से मन मोहा,मुख्य अतिथि रहे सयन सिंह रावत ग्राम प्रधान व विशिष्ट अतिथि प्रतिभा देवी ,एसएमसी अध्यक्षा,प्रधाना.बिष्णुपाल सिंह नेगी .की अध्यक्षता /निर्देशन में हुये कार्यक्रम में अजयपाल रावत (पूर्व क्षेत्र पंचायत) ,दिलबर सिंह,सतेश्वरी देवी,सुभाष सिंह,रवींद्र सिंह आदि ने विचार व्यक्त कर विद्यालय में सामुदायिक सहभागिता से विकास की बात कहीं।
कक्षा पांच के चौदह बच्चों को सम्मानित कर स्मृति चिन्ह भेंट किये,अपनी कक्षाओं में प्रथम द्वितीय तृतीय मेधावियों को पुरस्कृत किया गयाजिनमें प्रियंका,गौरव ,गुरदीप एक से ,अंकिता ,नमन् ,दीपांशु दो ,अनुष्का,रंजन, आदर्श, तीन ,सलोनी,अरविंद,शिवांशु चार,संजना ,कार्तिक ,रितु पांच हेतु पुरस्कृत हुये निर्धन छात्रा ..नीलमको छ: हेतु स्कूल बैग ,ड्रैस व कॉपियां प्रदान की गयी,पांच वालों को विदाई दी गयी बैंड बाजों के साथसड़क तक भेजा गया ,कार्यक्रम का संचालन सह.अध्या. डॉ. अम्बिका प्रसाद ने किया इस अवसर पर मिष्ठान वितरण भी किया गया ..ग्राम सभा कोटड़ी द्वारा सहयोग किया गया
सहयोग : अम्बिका प्रसाद ध्यानी
– पौड़ी गढ़वाल से इंद्रजीत सिंह असवाल