बीएचयू के नए वीसी पहुंचे बनारस !चार्ज संभालने से पहले काशी के देवालयों में टेका मत्था

वाराणसी- काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नवागत कुलपति प्रो. राकेश भटनागर बुधवार को बनारस पहुँचे। चार्ज संभालने से पहले उन्होंने काशी के देवालयों में शीश नवाया। समय से विलम्ब कुलपति का प्लेन बाबतपुर हवाई अड्डा पहुँचा। एयरपोर्ट पर बाहर निकलने के बाद बीएचयू के कुलसचिव संग निर्देशकों, परीक्षा नियंता, वित्ताधिकारी सहित चीफ प्राक्टर व पीआरओ ने पुष्प गुच्छ देकर उनका अभिवादन किया। वहां से नवनियुक्त वीसी का काफिला काशी विश्वनाथ दरबार के लिए निकला।
दोपहर तीन बजे श्री भटनागर बाबा दरबार पहुँचे। जहा आचार्य डॉ. चन्द्रमौली उपाध्याय एवम अर्चक श्रीकांत मिश्र के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोचारण के बीच बाबा का षोडशोपचार उन्होंने पूजन किया। पूजन-अर्चन कर वो सीधे काल भैरव मंदिर पहुँचे। वहां पर उन्होंने काशी कोतवाल को तेल अर्पित किया और भैरव आष्टक मन्त्रो के बीच पूजन कर बीएचयू के लिए रवाना हो गया।विश्वविद्यालय परिसर में स्थित नए विश्वनाथ मंदिर में पूजन-अर्चन वह करेंगे। उससे पूर्व मालवीय जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ ही वृक्षारोपण भी करेंगे।

*BHU के नवागत VC की जाने योग्यता और उपलब्धि*

वाराणसी: बीएचयू के नवागत कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर का एक परिचय शिक्षा: पीएच-डी. (बायोकैमिस्ट्री), राष्ट्रीय चीनी संस्थान, कानपुर , एम.एससी (रसायन विज्ञान), कानपुर विश्वविद्यालय,कानपुर। करियर: 1997- प्रोफेसर, जैव प्रौद्योगिकी स्कूल, जेएनयू, नई दिल्ली 1990-1993 समन्वयक, जैव सूचना विज्ञान केंद्र,जेएनयू, नई दिल्ली 1989-1997 एसोसिएट प्रोफेसर, जैव प्रौद्योगिकी हेतु विशेष केंद्र, जेएनयू, नई दिल्ली।
1987-1989 वरिष्ठ एनआरसी एसोसिएट,यूएसएएमआरआईआईडी, फ्रेडरिक, यूएसए 1986-1987 अभ्यागत एसोसिएट, एनएचएलबीआई,एनआईएच, बेथेस्डा, यूएसए। 1985-1986 अभ्यागत एसोसिएट प्रोफेसर ऊतक प्र्योगशाला , सीएचयू, कैन, फ्रांस 1 979-1982 वैज्ञानिक, जैव रसायन और आण्विक जीवविज्ञान संस्थान, फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी।

रुचि क्षेत्र :
संक्रामक रोग आणविक जीवविज्ञान • पुनः संयोजक टीका विकास • प्रोकार्योट्स में क्रमादेशित कोशिका क्षय

अनुसंधान सारांश : प्रोफेसर राकेश भटनागर पिछले 20 वर्षों से एंथ्रेक्स के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। आपको एंथ्रेक्स (गिल्टी रोग) के लिए आनुवंशिक तत्वों से टीके के विकास के लिए श्रेय प्राप्त है । पुनः संयोजक एंथ्रेक्स वैक्सीन की तकनीक/प्रौद्योगिकी को पैनेसिया बायोटेक लिमिटेड को स्थानांतरित कर दिया गया है और यह वैक्सीन मानव नैदानिक परीक्षणों के प्रथम और द्वितीय चरण से सफलतापूर्वक गुजर चुका है I इसके अलावा, उनके शोध समूह ने पौधों में रक्षात्मक एंटीजेन जीन की अभिव्यक्ति की शुरूआत की, जो एंथ्रेक्स के खिलाफ खाद्य टीका विकसित करने के लिए पहला मील का पत्थर साबित हुआ। रेबीज के लिए डीएनए वैक्सीन का विकास आपकी प्रयोगशाला में हो चुका है और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए तैयार है। एंथ्रेक्स के खिलाफ डीएनए वैक्सीन को विकसित करने के लिए आगे शोध कार्य जारी है। प्रयोगशाला का प्रयोग प्रोकार्योट्स में क्रमादेशित कोशिका क्षय के अध्ययन में भी हो रहा है । उनके शोध समूह ने हाल ही में अन्य महत्वपूर्ण संक्रामक रोग प्रणालियों जैसे माइकोबैक्टीरियम, ब्रुसेला के रोकथाम के लिए शोध शुरू किया है।

अनुभव।

प्रशासनिक अनुभव।
2013 – 2015: संकाय प्रमुख , स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी 2012 – 2013: कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय 2011 – 2012: निदेशक, अकादमिक स्टाफ कॉलेज,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय 200 9 -2011: निदेशक, उन्नत इंस्ट्रुमेंटेशन रिसर्च फैसिलिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

शैक्षणिक अनुभव।

पीएच.डी. छात्र निर्देशन : वर्ष नाम 2015 अलीशा धीमान, दीक्षित त्रिपाठी 2014 रजनीगढ़, शशिकला वर्मा 2013 मनीष, गुरुदत्त पांडा 2012 दिव्या गोयल , प्रीति सिंह 2011 कंचन सिन्हा, पारुल कुलश्रेष्ठ 2010 शिवांगी अग्रवाल 2009 मनप्रीतकौर, जी ज्योत्स्ना, जितेंद्र सिंह 2008 शुचि मीधा 2007 मेघा गुप्ता, शीबा आलम , मोहन चंद्र जोशी 2006 सुभाष चंद्र, ए. कृष्णमाचारी 2004 पुनीत कंंडलवाल, मोहम्मद अजहर अजीज 2003 समर सिंह 2002 सैयद मोहसीन वाहिद , शरीक राहील खान, प्रवीण कुमार 2001 विभा चौहान, अपर्णा सिंह 2000 स्मृति बत्रा 1999 पंकज गुप्ता 1998 अधूना, पुरनसिंह सिजवाली 1996 देवतोस कुमार सुरेंद्र सिंह

सम्मानित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के समीक्षक।

वैक्सीन, आणविक इम्यूनोलॉजी, एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी, संक्रमण और इम्यूनिटी, FASEB जर्नल, PlosOne

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग / परामर्श।

प्रोफेसर विटर मार्टिन डॉस सैंटोस, सिस्टम्स एंड सिंथेटिक बायोलॉजी, वोगुनिंगन यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड्स राम समुद्रला, एसोसिएट प्रोफेसर, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी रिसर्च ग्रुप, वाशिंगटन विश्वविद्यालय,सिएटल। प्रोफेसर वेणुगोपाल नायर, प्रमुख, एवियन संक्रामक रोग,पशु स्वास्थ्य संस्थान, जैव प्रौद्योगिकी और जीव विज्ञान अनुसंधान परिषद यूनाइटेड किंगडम

सम्मान और पुरस्कार।

फ़ेलो(सदस्य), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत।प्रोफेसर राकेश भटनागर ने एंथ्रेक्स पर सराहनीय शोध पत्र प्रकाशित करने वाले शीर्ष 10 (सातवें) प्रख्यात शोधकर्ताओं में स्थान प्राप्त किया । (ओपन सोर्स ग्लोबल एंथ्रैक्स रिसर्च लिटरेचर 2006) • फ़ेलो(सदस्य), राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी • फ़ेलो(सदस्य), भारतीय विज्ञान अकादमी • वर्ष 2001 के लिए इम्यूनोलॉजी (पुनः संयोजक एंथ्रेक्स वैक्सीन का विकास) के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट अनुसंधान कार्य के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कार। • जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के द्वारा जैव प्रौद्योगिकी के उपलब्धियों के संवर्धन के लिए ऑल इंडिया बायोटेक एसोसिएशन अवार्ड 2001-2002। • हफ़्किने इंस्टीट्यूट, बॉम्बे, डॉ. गौरपुर ओरेशन लेक्चर,2002। • नवंबर 2001 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार के साथ एंथ्रेक्स के लिए आनुवंशिक तत्त्वों से तैयार वैक्सीन के विकास की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया • दिसंबर 2001 में अमेरिकन सोसाइटी फॉर सेल बायोलॉजी, वाशिंगटन DC के वार्षिक बैठक में एंथ्रेक्स के लिए आनुवंशिक तत्त्वों से तैयार वैक्सीन के विकास की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया • रोग विज्ञान संस्थान रजत जयंती व्याख्यान, 1992 • सीनियर एन आर सी (यूएसए) रिसर्च अवार्ड, 1987-198 9। • सोसाइटी ऑफ बायोलोजिकल केमिस्ट्स मीटिंग सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुत किया, 1984 उत्कृष्ट प्रकाशन / पुस्तकें : 135. गरहन जे, भुयान एस,पुलू आई, कलिता डी, दास बी, भटनागर आर (2015)। उपचार के बाद अस्थि मज्जा मेसेंकाइमल स्टेम कोशिकाओं के हाइपोक्सिक में माइकोबैक्टीरियम ट्यूब।

रिपोर्ट-:महेश कुमार राय वाराणसी सिटी

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