दिल्ली /वाराणसी – एक महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने अब वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, भीम आर्मी वाराणसी में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन करेगी। वहां से सतीश चंद्र मिश्रा को प्रत्याशी बनाने का अनुरोध करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि इससे गठबंधन को ऊंची जातियों के भी कुछ वोट हासिल हो जाएंगे। गठबंधन ने अभी वाराणसी से प्रत्याशी का एलान नहीं किया है।
कुछ दिन पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताते दलित वोटों के विभाजन का आरोप लगाया था। चंद्रशेखर ने कहा, ‘मैंने वाराणसी से नहीं लड़ने का फैसला किया है क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे फैसले से भाजपा या मोदी को किसी भी तरह से मजबूती मिले। हम सभी भाजपा को हराना चाहते हैं।
मायावती द्वारा आलोचना पर उन्होंने कहा, ‘हमारे अपने ही लोग हमें भाजपा का एजेंट बता रहे हैं, लेकिन मैं अभी भी चाहता हूं कि वह (मायावती) प्रधानमंत्री बनें।’ हालांकि, अभी 14 अप्रैल को ही बीआर आंबेडकर जयंती पर मध्य प्रदेश के महू में चंद्रशेखर ने कहा था कि मायावती नहीं, बल्कि भीम आर्मी ही दलितों की असली शुभचिंतक है। चंद्रशेखर ने आगे कहा, ‘उनके (अखिलेश यादव) पिता संसद में कहते हैं कि वह नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। भाजपा के एजेंट वे हैं, मैं नहीं।
– सुनील चौधरी सहारनपुर