पूर्णिया/बिहार- पूर्णिया बिहार का एक ऐसा शहर ,जिसका विकास पिछले 5 साल में युद्ध स्तर से बढ़ा है। हर क्षेत्र में इसकी एक अलग पहचान बनी है। चाहे वो शिक्षा हो या स्वास्थ्य । हर रोज यहाँ राष्ट्रीय स्तर के स्कूल और हॉस्पिटल बन रहे है। ऑटोमोबाइल हो या कपड़े का व्यपार, लगभग सभी प्रकार के कमर्शियल नॉन कमर्शियल चार चक्का गाड़ी का शो रूम खुल चुका है।हर तरह के ब्रांडेड कपड़े के शो रूम खुल चुके है। होटल हो या रेस्टोरेंट सब की भरमार लगी हुई है । मतलब अब पूर्णिया एक पूरी तरह से कॉरपोरेट सिटी बन गया है । हजारो लोग यहाँ देश के अलग अलग कोने से अपने बिजनेस या फिर किसी न किसी काम से आते रहते हैं। पर हकीकत तब बदली नजर आती है जब लोग हाथों में ATM कार्ड लेकर शहर के चक्कर काटते हुए नजर आते हैं। पूर्णिया में अगर गिनती किया जाय तो सारे बैंको को मिलाकर 50 से ऊपर ATM है। मधुबनी ,गिरजा चौक,भट्टा बाजार , थाना चौक, से लेकर लाइन बाजार बसस्टैंड ,टैक्सी स्टैंड से लेकर आर न साह चौक से लेकर कचहरी तक हर जगह के एटीएम चाहे वो SBI का हो या BOB का बैंक ऑफ इंडिया का हो या एक्सिस बैंक का इलाहाबाद बैंक का हो ICICI बैंक का सब का हाल एक जैसा ही है। और जो कुछ एटीएम काम कर रहे है। वहाँ ग्राहकों की लंबी कतार लगी हुई रहती है लोग घंटो कतार में अपने नंबर का इंतजार करते रहते है। पर लगभग सभी ATM में कैश नदारद मिलते है। लोग अभी इस गर्मी में परेशान हो रहे है। और बैंक प्रशासन को खरी खोटी सुना रहे हैं पर इसका कोई ठोस निराकार बैंक मैनेजमेंट नही निकाल पा रही हैं। कही एटीएम में कैश नहीं है तो कहीं मशीन खराब पड़ी हुई है। लोग करे तो क्या करे। अगर एटीएम का यहीं आलम रहा तो एक दिन ये लोगो की परेशानी कही आंदोलन में न बदल जाये।
-शिव शंकर सिंह,पूर्णिया/ बिहार