पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया मगर कैसे: जब सरकारी स्कूलों का हो यह हाल

चन्दौली- चंदौली जिले के चकिया इलाके के सोनहुल गाव परिषदीय विद्यालयों में छात्र छात्राओं को विद्यालय आने के लिए प्रेरित करने के लिए ड्रेस,बैग और मिड डे मील जैसी तमाम प्रलोभन दे दे लेकिन जब विद्यालयों में ऐसी तस्वीरें सामने आने लगेगी तो कौन अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में भेजेगा।जरा इस तस्वीर को देखिए… पीठ पर स्कूल बैग और हाथ में झाड़ू लिए ये छात्रा किस प्रकार क्लास रूम की सफाई कर रही है।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया मगर कैसे… जब सरकारी स्कूलो का ये हाल हो।तस्वीरे नक्सल प्रभावित चंदौली जिले के चकिया इलाके की है जहाँ सोनहुल गाव में इस विद्यालय में छात्रा से झाड़ू लगवाने के वीडियो सामने आ रहा है। जबकि विद्यालयों में सफाई की जिम्मेदारी सफाईकर्मी की होती है लेकिन ग्राम प्रधानो के रहमोकरम से सफाईकर्मी दूसरे काम मे लगा दिए जाते है और सफाई खुद से बच्चो को ही करनी पड़ती है।
संतोष कुमार प्रधानाचार्य ने कहा
आपको बतादे कि नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त है।कही छात्र नही आते तो तो कही पाँच छः महीने से टीचर ही लापता है।इन इलाकों में छात्रों को स्कूल बुलाने की जिम्मेदारी भी टीचर को दी जाती है लेकिन विद्यालयों का यही हाल रहा तो कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया ये बड़ा सवाल है।

रिपोर्ट….रंधा सिंह चन्दौली

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