*वाराणसी का इरी सेंटर एशिया व अफ्रीका के लिए चावल अनुसंधान के कार्य करेगा, यह प्रदेश व देश के लिए गौरव की बात है – योगी आदित्यनाथ
*काला नमक प्रजाति, राजरानी, बादशाह पसंद व ब्लैक राइस के उत्पादन क्षमता को बढ़ाए जाने पर मुख्यमंत्री ने विशेष जोर दिया ताकि इससे उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल के किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा
वाराणसी- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र का भ्रमण कर आगामी 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों से काला नमक प्रजाति, राजरानी, बादशाह पसंद व ब्लैक राइस के उत्पादन क्षमता को बढ़ाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल के किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा और उत्तर प्रदेश का ग्रोथ रेट भी बढ़ सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काला नमक धान का उल्लेख करते हुए इसकी उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने तथा प्रदेश एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु की अनुसार पैदावार होने पर कार्य करने का सुझाव दिया। ईरी सेंटर के लैवो, मीटिंग हॉल आदि को देखा और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों से वार्ता कर चावल अनुसंधान के बारे में विस्तार से पूछताछ व वार्ता की। वाराणसी का यह इरी सेंटर विश्व में पहला है और इसकी मुख्य शाखा फिलीपींस में है। वाराणसी का सेंटर पूरे एशिया व अफ्रीका के लिए कार्य करेगा। इसमें चावल के वैल्यू एडड पर रिसर्च होगी। धान की पैदावार बढ़ाने, उसकी गुणवत्ता बढ़ाने, खाने में स्वादिष्ट, खुशबूदार, पौष्टिकतायुक्त आदि पर रिसर्च होगी। विभिन्न वैरायटी के धान से अच्छे जीन लेकर नई वैरायटी व डिजाइन्स वैरायटी निकालने पर कार्य होगा।
निरीक्षण के दौरान केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, प्रदेश की विधि-न्याय, युवा कल्याण, खेल एवं सूचना राज्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह, ईरी के निदेशक डॉ अरविंद नाथ सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर साउथ एशिया टीसी डोडीयाल एवं वैज्ञानिक गण आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी