बिहार दौरे पर पहुंचे राष्टपति रामनाथ कोबिंद : जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता

बिहार: समस्तीपुर (पुसा) देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जलवायु में लगातार हो रहे परिवर्तन को लेकर पूरी दुनिया में बहुत बड़ा संकट उपस्थित होने वाला है। इससे खेतों में पैदावार होने वाले अनाजों पर भी काफी असर पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि इसके मद्देनजर कृषि वैज्ञानिक काम करें ताकि पैदावार पर इसका असर ना हो सके।राष्ट्रपति कोविंद आज समस्तीपुर जिले के पूसा में स्थित डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक समय इस दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने वाले छात्रों से भी आह्वान किया कि किसानों के जीवन में बदलाव लाकर ही देश में खुशहाली लाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इसी के मद्देनजर किसानों के लिए रोड मैप तैयार करने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि जब मैं यहां राज्यपाल के पद पर कार्यरत था तो बिहार के लोगों के बारे में सुना और देखा यहां के लोग काफी मृदुभाषी एवं मिलनसार प्रवृत्ति के होते हैं। राष्ट्रपति ने बिहार के छठ पर्व की चर्चा करते हुए कहा कि आज छठ पर्व पूरा देश में धीरे धीरे फैलता जा रहा है। उन्होंने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर वर्ष 1970 में स्थापित किए गए इस विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि यहां पूरे देश के लगभग 20 प्रदेशों के छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि मेरा सुझाव यह है कि यहां पढ़ने वाले सभी छात्रों को एक बार डॉ राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव जीरादेई का भ्रमण करा दे ताकि छात्रों को या देखने और सुनने का मौका मिलेगा कि देश का प्रथम राष्ट्रपति ने कितनी सादगी भरा जीवन व्यतीत किया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने उद्बोधन में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां के कृषि वैज्ञानिक एवं प्रशासनिक अधिकारी कृषि क्षेत्र में जिस तरह अपना योगदान करते हुए किसानों के विकास के लिए काम कर रहे हैं हैं। उसे देखकर यह लगता है कि लगता है की आने वाले दिनों में यह विश्वविद्यालय पूरे देश में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लेगा। उन्होंने इस विद्यालय के विकास के लिए भारत सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया है। इस मौके पर बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज कृषि के क्षेत्र में बिहार लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। यहां के किसान काफी मेहनत लग्न एवं परिश्रम से काम करते हैं जिसका परिणाम है कि पिछले 8 सालों के दौरान लगभग सभी फसलों की पैदावार में काफी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने भी यहां के कृषि वैज्ञानिकों से हो रहे जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर खेती का रोड मैप बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में राज्य में अब काफी कम वर्षा हो रही है पूरे राज्य में 123 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा है।।इससे पूर्व विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी माननीय लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि इस अवसर पर हमारे देश के राष्ट्रपति के हाथों छात्रों को गोल्ड मेडल एवं डिग्री प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लैब टू लैंड किए जा रहे प्रसार कार्यक्रमों को काफी सराहा जा रहा है। जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है।।इस अवसर पर 270 छात्रों को स्नातक पचासी छात्रों को परास्नातक एवं 33 छात्रों को स्वर्ण पदक की डिग्री दी गई है. स्वर्ण पदक पाने वाले 33 छात्रों में 25 छत्राये शामिल है। इस समारोह में भारत सरकार के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह समेत बिहार के राज्यपाल, बिहार मुख्यमंत्री, राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार, मंत्री सुरेश शर्मा, सांसद अजय निषाद एवं राजसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर समेत विश्वविद्यालय के सभी कृषि वैज्ञानिक प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रमुख किसान भी उपस्थित थे।
रिपोर्ट – कैशर खान, समस्तीपुर

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