बरेली- यूपी टीईटी की परीक्षा जहाँ अध्यापक की नौकरी के लिए आवश्यक कर दी गयी है वही उन सरकारी शिक्षकों के लिए भी आवश्यक कर दी गयी है जिन्हे अब पदोन्नति का लाभ लेना है।यहीं कारण रहा कि लाखों लोगों ने टीटीई 2018 की परीक्षा के लिए आवेदन किया ।
लेकिन आवेदन करनें में शुरू से ही दिक्कतें आनें लगी।कभी सर्वर न चलने की वजह से तो कभी अन्य कारणों से जिसके चलते लोगों ने कभी दिन मे तो कभी रात में आवेदन करने की अपनी कोशिशें ज़ारी रखी जिसके चलते लगभग 22 लोगों ने अपने टीईटी 2018 की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया ।इसके बाद शुल्क जमा करनें में दिक्कतें आनें लगी सरकार ने शुल्क जमा करनें के लिए अभ्यर्थियों को एक और सर्वर उपलब्ध कराया और अंतिम तिथि भी एक दिन बढा दी।जिस कारण लगभग 12 लाख से अधिक लोगों ने अपना शुल्क जमा कर दिया । क्योंकि एससी एससी-एसटी के लिए शुल्क नहीं था तव जाकर लगभग 17 लाख लोगों का आवेदन हो पाया।अब तमाम अभ्यर्थी ऐसे रहें जिनका शुल्क तो उनके एकाउंट से कट गया रजिस्ट्रेशन हो गया किन्तु आगे की प्रक्रिया में उनका फार्म ही डाउनलोड नहीं हो रहा। अब आवेदन प्रकिया में साफ लिखा है कि शुल्क वापसी का कोई प्रावधान नहीं है ।ऐसे अभ्यर्थी कहीं के नहीं रहें जिनका शुल्क भी गया और परीक्षा भी नहीं दे पायेंगे ।ऐसे ही एक अभ्यर्थी से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि हमनें टीईटी 2018 की दोनों परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था प्राथमिक स्तर और उच्च माध्यमिक स्तर और दोनों के लिए रजिस्ट्रेशन भी हो गया था और हमारे एकाउंट से परीक्षा शुल्क भी कट गया ।लेकिन अभी तक फार्म ही डाउनलोड नहीं हो रहा है ।डाउनलोड करनें पर एरर दिखा देता है फोन करनें पर कोई फोन ही नहीं उठाता।यह सरासर हमारे जैसे अभ्यर्थियों के साथ धोखा है।ऐसे तो बेरोजगारी का मजाक उडाया जा रहा है।