झांसी। जिला अस्पताल में भर्ती को दिये जाने वाले भोजन में व्यापक रूप से किये जा रहे खेल का खुलासा तत्कालीन वरिष्ठ सहायक के तबादला होने के बाद वर्तमान लिपिक के कार्यभार होने से हुआ। जिसमें मरीजो को खाना उपलब्ध कराये जाने में व्यापक रूप से फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। लेकिन इस बड़े पैमाने पर हो रही धांधलियो का खुलासा कराने में अहम भूमिका का निर्वाह करने वाले लिपिक पर भी तबादले की तलवार लटका दी गई है। जिससे महानगर में जगह-जगह पर आम चर्चाओ का बाजार गर्म है कि योगी सरकार में ईमानदारी तथा बड़े पैमाने पर हो रहे खेल का पटाक्षेप करने वाले बाबू को तबादलो का खामयाजा भुगतने पड़ेगा। यह विचारणीय एवं सोचनीय प्रकरण बना हुआ है। जिसमें मरीजो के पेट के बहाने सरकारी धन पर डाका डालने वाले ठेकेदारो के हौसले बुलन्द है।
बताया जाता है कि तत्कालीन वरिष्ठ सहायक इन्द्रपाल सिंह यादव एवं ठेकेदारो की सांठगांठ से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजो को भोजन देने के आड़ में किया जा रहा है। लूट का खुलासा वर्तमान में कार्यरत लिपिक ने करते हुये अधिकारियों के संज्ञान में ला दिया। जिसके मद्देनजर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. वी.के गुप्ता ने ठेकेदार को पत्र लिखकर भर्ती मरीजो के आधार पर ही खाना व दूध की मात्रा प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। सी.एम.एस के पत्र रंग लाया और प्रतिदिन 50 किलो खपत होने वाले आटे की मात्रा घटकर 14 किलो पर आ गई।
इससे ठेकेदार के बिलों का भी भुगतान रोक दिया गया। इस घोटाले का खुलासा होने से खफा रसूखदार एवं सत्ता में धमक व हनक रखने वाले ठेकेदारो ने कुछ ही समय पूर्व इस पद पर आसीन होने वाली लिपिक उजमा तबस्सुम का तबादला करा दिया। जिसमें जिला अस्पताल में चल रहे गोरखधन्धो तथा घोटालो का पर्दाफाश नहीं हो सके।
महिला लिपिक के तबादला होने से प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी व स्वास्थ्य मंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त समाज की नीति को पलीता लगाया जा रहा है। ऐसे में ईमानदार एवं भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को हतोत्साहस करने के बजाय उनको प्रोत्साहन किये जाने की आवश्यकता है।
-उदय नारायण ,झांसी