लखनऊ – भाजपा में बड़े पैमाने पर मौजूदा सांसदों के टिकट कटने की खबर ने नेताओं को बेचैन कर दिया है। पार्टी से सख्त संकेत मिलते ही तमाम सांसदों ने नया ठिकाना खोजना शुरू कर दिया है।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के एक दर्जन सांसद अगला चुनाव बसपा के सिंबल पर लड़ेंगे।फिलहाल पांच सांसदों ने बसपा का दरवाजा खटखटाया है,अलबत्ता बसपा प्रमुख मायावती ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है।बसपा के सूत्रों के मुताबिक,सपा कंपनी से समझौते की स्थितियों को देखने के बाद मायावती जल्द ही भाजपा छोडऩे को तैयार सांसदों को सशर्त बसपा में शामिल कराएंगी।
*बसपा से टिकट मांगने वाले पांच में दो पुराने बसपाई*
दरअसल, यूपी में बसपा और सपा के गठबंधन की आहट से बीजेपी के कई सांसदों की नींद उड़ गई है। उन्हें डर है कि गठबंधन से उनके फिर से जीतने की उम्मीदें कम हैं। इसी दरम्यान भाजपा ने मौजूदा 28 सांसदों के टिकट काटने का फैसला कर लिया। टिकट कटने वाले सांसदों की संभावित सूची में अपना नाम देखकर भाजपा के कई वर्तमान सांसद अब बसपा के सिंबल पर चुनाव लडऩे की तैयारी में जुट है।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के पांच सांसदों ने बीते दिवस बसपा के बड़े ताक़तवर नेता से दिल्ली में मुलाकात कर हाथी पर सवार होने की इच्छा जताई है।बसपा ज्वाइन करने के इच्छुक पांच सांसदों में दो ऐसे सांसद हैं,जो पहले भी बसपा के झंडाबरदार थे।ऐसे दो सांसदों में एक ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बीते दिनों रैली का आयोजन भी किया था।फिलहाल बसपा के बड़े नेता का कहना है कि फिलहाल भाजपा सांसदों को पार्टी में लेने का कोई इरादा नहीं है।
*मोदी की भाजपा में बगावत से बसपा का चहकना स्वाभाविक*
भाजपा सांसदों की बगावत और दूसरे दलों में उछल-कूद की कोशिश से बसपा का खुश होना लाजिमी है। पिछले लोकसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी का खाता नहीं खुला था,लेकिन उसके वोट प्रतिशित में कोई कमी नही आई थी बीते उपचुनावों के नतीजों में बसपा किंगमेकर बनकर उभरी है।यूपी की सियासत की बदली स्थितियों के कारण मायावती की अहमियत ज्यादा बढ़ गयी है।इसके साथ ही बसपा का परंपरागत दलित वोट बैंक एकजुट है।ऐसे में बीजेपी सांसद बसपा में आने की तैयारी कर रहे हैं तो बसपा इसे अपने लिए सकारात्मक मान रही है।भाजपा सांसदों को पार्टी में शामिल कराकर बसपा यह संदेश देगी कि भाजपा का तिलिस्म अब खत्म हो रहा है।
*मोदी की भाजपा ने 28 सांसदों के टिकट काटने का मूड बनाया है*
गौरतलब है कि तीन दिन तक यूपी का मंथन करने के बाद भाजपा नेतृत्व ने दो दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट काटने का फैसला कर लिया है। पार्टी के मुखिया अमित शाह ने एक-एक सांसद का रिपोर्ट कार्ड खुद जांचा और स्थानीय कमेटी से लोकसभा चुनाव के लिए नए उम्मीदवार का नाम बताने को कहा है। नए उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर स्थानीय सर्वे के बाद ही लगेगी।हार के डर ने फिलहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की आपसी चर्चा के बाद 28 सांसदों के टिकट काटने का फैसला हो चुका है,जबकि एक दर्जन अन्य निशाने पर हैं।मौजूदा सांसदों के मामले में सबसे ज्यादा पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के सांसदों पर गाज गिरी है, दूसरे नंबर पर कानपुर-बुंदेलखंड प्रांत है। टिकट से वंचित रहने वालों की सूची लंबी है,लेकिन सबसे प्रमुख नाम है मुरली मनोहर जोशी,कलराज मिश्र और उमाभारती।
– लखनऊ से सुनील चौधरी