कोटद्वार / पौड़ी गढ़वाल – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी बस दुर्घटना में प्रथम दृष्टिया लापरवाही बरतने के लिये एसओ धूमाकोट व उस क्षेत्र के एआरटीओ को निलम्बित करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिये है।साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द राज्य की सड़कों की मरम्मत के भी निर्देश दिये गए है।
उन्होंने भारी बारिश व मानसून के दृष्टिगत प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में प्रत्येक तीन किमी पर एक जेसीबी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को हुई बस दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहां हैं। कि इस दुर्घटना के लिये जो भी दोषी पाया जायेगा, उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है। कि आपदा के दौरान प्रदेश में हेली सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों द्वारा त्वरित सेवा प्रदान करने में लापरवाही बरते जाने पर उनके विरूद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके निर्देश भी नागरिक उड्डयन विभाग को दिये गये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा की आशंका के दृष्टिगत शासन व प्रशासन के अधिकारियों को स्थितियों पर नजर रखने के निर्देश दिये गये है।_
_रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुई बस में 48 यात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें 37 यात्री पौड़ी जिले के नाला, पोखार, मैरा, भौन, पीपली, अपोला, डंडधार, बाडागाड़, डंडोली, ढंगलगांव, परखंडई गांव थे। 28 सीटर इस बस में चालक और परिचालक समेत 61 लोग सवार थे। हादसे के बाद से पूरे इलाके में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हादसे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच अधिकारी का कहना है कि प्रथमदृष्टया ओवरलोड की वजह से हादसा होना सामने आया है, लेकिन इस मामले में आरटीओ से तकनीकी और लोनिवि सड़क के बाबत रिपोर्ट मांगी गई है, उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा। अनुमान लगाया जा रहा है ओवर लोडिंग और गड्ढे से बचने का प्रयास करते वक्त बस के असंतुलित होने पर बस खाई में गिरी हैं।
-तसलीम अहमद हरिद्वार