उत्तराखंड/देहरादून- आज उत्तराखंड क्रांति दल ने शिक्षा निदेशालय में उत्तरा पंत बहुगुणा के निलंबन वापसी तथा 22 वर्षों से एक ही सुगम विद्यालय मे तैनात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की धर्मपत्नी सुनीता रावत के तबादले की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन शुरू होते ही प्राथमिक शिक्षा निदेशक पिछले दरवाजे से खिसक लिए। इस से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने निदेशालय के मुख्य द्वार के सामने मुख्यमंत्री का पुतला दहन करते हुए 2 घंटे तक मुख्य द्वार पर धरना दिया।इस पर भी जब अधिकारी उक्रांद नेताओं के सामने आने का साहस नहीं कर पाए तो उक्रांद नेता कार्यकर्ताओं के साथ जबरन निदेशालय में घुस गए तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक रामकिशन उनियाल का घेराव किया।उल्लेखनीय है कि आज युवा प्रकोष्ठ ने मुख्यमंत्री दरबार प्रकरण के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया था।
जानकारी के अनुसार आज उक्रांद कार्यकर्ता युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय महामंत्री सुशील कुमार के नेतृत्व में शिक्षा निदेशालय पहुंचे तथा मुख्य द्वार पर धरने पर बैठकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे।धरने को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि प्रचंड बहुमत की सरकार अहंकारी हो गई है और अहंकार में डूबकर भेदभाव पूर्ण निर्णय ले रही है। उनके लिए तबादले के लिए अपने मंत्रियों नेताओं तथा जनता के लिए अलग-अलग मानक है।
महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने कहा कि सरकार विसंगतियों से भरा तबादला एक्ट लागू करने के बावजूद तबादला नीति के अनुरूप तबादले नहीं कर रही है। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री पहले अपने घर से भ्रष्टाचार समाप्त करें और 22 वर्षों से एक ही सुगम क्षेत्र में तैनात अपनी पत्नी का तबादला दुर्गम क्षेत्र में करें।केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा की सरकार को तुरंत तबादला नीति में बदलाव करते हुए पारदर्शी तबादला नीति लागू करनी चाहिए ताकि प्रत्येक कर्मचारी को इसका लाभ मिल सके तथा प्रत्येक कर्मचारी को समान रूप से सुगम तथा दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं देने के प्रावधान को मजबूती से लागू किया जा सके।युवा नेता सुशील कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री का जनता दरबार प्रकरण के लिए तत्काल उत्तरा पंत बहुगुणा से माफी मांगनी चाहिए।जब तक मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से पीड़ित महिला से माफी मांगते हुए उनका निलंबन निरस्त नहीं करवाते तब तक उक्रांद का आंदोलन जारी रहेगा। आज धरने प्रदर्शन में सुशील कुमार,संजय क्षेत्री, लताफत हुसैन,जय प्रकाश उपाध्याय,सुरेंद्र बुटोला, बिलास गौड, कैलाश राणा , ललित कुमार, सौरभ आहूजा, सुरेंद्र रावत, मनीष लखेड़ा, रमा चौहान, सुमन सुंदरियाल, लक्ष्मी भट्ट,रेखा मियां के साथ अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।