आजमगढ़- सरकार की स्पष्ट गाइडलाईन के बावजूद अनट्रेन्ड सपोर्टिंग मेडिकल स्टाफ रखकर जनपद भर में मनमाने ढंग से चल रहे निजी चिकित्सालय की मान्यता रद्द करने हेतु प्रयास सामाजिक संगठन ने मुख्य चिकित्साधिकारी को उनके कार्यालय में शनिवार को ज्ञापन सौपा।ज्ञापन सौपने के दौरान प्रयास के अघ्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि शहर में चिकित्सा के नाम पर लागातार स्थापित हो रही बहुमंजिला इमारतों के भीतर की कहानी बेहद स्याह हो चली है, जिसका ताजा उदाहरण लछिरामपुर हीरापट्टी स्थित वेदान्ता अस्पताल में दो दिन तक शव की चिकित्सा करते हुए उसके तीमारदारों के साथ मारपीट इसकी एक बानगी भर है। उन्होने कहा कि ऐसे चिकित्सालय अनट्रेन्ड नर्सिग स्टाफ के भरोसे चलाए जाते है। पूरा अस्पताल महज एक-दो ट्रेन्ड डिग्रीधारक पैरामेडिकल स्टाफ के भरोसे चलाया जाता है। जबकि हकीत यह है कि ज्यादातर बिना डिग्री धारक पैरामेडिकल स्टाफ चिकित्सा कर रहे है जो जन-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो करते ही है साथ ही साथ मैनेजमेन्ट के इशारे पर तीमारदारों के साथ मार-पीट एवं हाथापाई भी करते है। जनपद भर में संचालित ऐसे चिकित्सालयों को चिन्हित करते उन्हे काली सूची में डाले तथा उनका तत्काल लाइसेन्स निरस्त किया जाय।
प्रयास के पल्हनी ब्लाक प्रभारी कुॅवर तरूणेश सिंह ने कहा कि चिकित्सा के मामले में प्रभावी नियंत्रण बेहद जरूरी है। जनसंख्या के
सापेक्ष चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता ऊॅट के मुॅह में जीरा साबित हो रही है, जिसे अन्य निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान मनमाने ढंग से भुना रहे है और आये दिन मनमानेपन की स्थिति सामने आ रही है।ज्ञापन सौपने वालों में डा.वीरेन्द्र पाठक, रविशंकर सिंह, शम्भूदयाल सोनकर, अतुल श्रीवास्तव, कुॅवर तरूणेश सिंह, सूरज मौर्या, डा. हरगोविन्द विश्वकर्मा, ई. सुनील यादव, हरिश्चन्द्र, राजीव शर्मा, आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर -राकेश वर्मा आजमगढ़