उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड जनपद पाैडी गढ़वाल के विकासखंड जयरीखाल ग्राम सभा कांडामला पाे० कांडाखाल पट्टी काैडिया तहसील सतपुली की मूल निवासी महिला श्रीमती प्रियंका देवी पत्नी इंद्र सिंह असवाल विगत दिनों तक देहरादून के सेलाकुई में अपना बिजनेस आई टी सेक्टर की सर्विस प्रोपराइटर थी जिनकी फर्म अलवाल आई टी साेलयूशन के नाम से थी परंतु उत्तराखंड में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री जी ने हर प्रकार से लाेगाें काे घर वापसी के लिए प्रेरित किया जिससे प्रियंका देवी भी अपने गाँव में आर्गेनिक मसाला एवं फूड प्राेसेसिंग यूनिट स्थापित करने की साेची इस बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री जी काे पत्र लिखकर अपने गाँव में यूनिट स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की।
अब देखे क्या होता है:-
इसके बाद खादी उद्योग से PMEGP याेजना फार्म भर कर इंटरव्यू दिया एंव बैंक से संपर्क किया। सबसे पहले उत्तराखंड ग्रामीण बैंक सतपुली में गये बैंक मैनेजर द्वारा जबाब मिला कि पहाड़ में काेई राेजगार नही चल सकते व पहाडी लाेन लेकर लाैटाते नही है इसलिए हम पहाड़ में पहाड़ियों पर जाेखिम नही ले सकते । फिर प्रियंका देवी भारतीय स्टेट बैंक अपने विकासखंड स्तर पर जयरीखाल गई वहां के बैंक मैनेजर श्रीकांत नाैगाई ने प्रियंका देवी काे कहा कि डाकुमेंटस व काेटेशन दाे प्रियंका देवी द्वारा बैंक काे पाँच साल की आईटीआर ,जमीन की नकल ,पूर्व के विजनिस की बैंक डिटेल, पूर्व के विजनेस का रजिस्ट्रड प्रूफ,वे लाेग जिन्होंने प्रियंका देवी के नये प्राेडक्ट के लिए मार्केटिंग व डिस्टीब्यूटर करनी थी उनकी स्वीकृति पत्र। साढे दस लाख की मशीनों की काेटेशन। कुछ सामान एेसा भी था कि जाे लाेकल बाजार से आना था उसकी काेटेशन छाेटे व्यापारी न दे सके। उपरोक्त सभी प्रकार के डाकुमेंटस बैंक काे दिये गये।बैंक द्वारा प्रियंका देवी व उनके पति की सिविल रिपाेर्ट चैक की गई जाे कि इस प्रकार थी
प्रियंका देवी 786 इंद्र सिंह असवाल 775 ।फिर बैंक मैनेजर द्वारा कहा गया कि आपके सभी दस्तावेज व सिविल सही हाेने की वजह से आपका लाेन पक्का हाे गया है। वह हमारी वह जगह देखने आयेगें जहां पर यूनिट स्थापित करनी है दूसरे दिन फरवरी में मैनेजर साहब जगह देखने आये।जगह कांडाखाल काैडिया तहसील सतपुली के सतपुली सिसलडी माेटर मार्ग पर स्थित है। दाे दुकाने बनी हुई है व उसके आसपास भी प्रियंका देवी की अपनी पैतृक भूमि है। मैनेजर साहब ने कहा कि आप काम शुरू कर दाे आपका लाेन पक्का हाे गाया है ।लेकिन जब तीन दिन बाद फिर जब बैंक पहुँचे तो मैनेजर साहब ने कहा कि फाइल पास हाेने जाेनल आॅफिस देहरादून गई है प्रियंका देवी के पति उस समय देहरादून में थे वे जाेनल में गये वहां पूछा ताे पता चला कि फाइल जाेनल नही आती है फिर मैनेजर साहब से पूछा ताे उन्होंने कहा कि वे फाइल रिजेक्ट कर रहे हैं ।प्रियंका देवी ने इसका कारण जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि वे मशीनों के लिए पूरा पेमेंट देंगें परंतु बाकी का काम शुरू करने के लिए एक लाख रूपये ही दे सकते हैं।प्रियंका देवी की प्राेजक्ट रिपाेर्ट के अनुसार ग्यारह लाख की मशीनें व चाैदह लाख का वरकिंग कैपिटल था। चाैदह लाख में चालीस आईटम की पैकिंग मैटिरियल जाे कि छ लाख के लगभग था व छ लाख के लगभग का रा मैटिरियल था व दाे लाख रूपये रूटीन कार्य के लिए था।
अब आप बताइए कि क्या ग्यारह लाख की मशीनों व काम करने वालाें की सेलरी बिजली का बिल बैंक किस्त आदि एक लाख में कैसे चलेगा। किसी भी प्रकार से मैनेजर साहब ने प्रियंका देवी की फाइल बंद कर दी। प्रियंका देवी ने क्या काम करने थे।
प्रियंका देवी के अनुसार उनके क्षेत्र में सभी गाँव की बंजर भूमि को युवाओं के साथ मिलकर आबाद करना था इसलिए उनके प्राेजकट में खेती करने के यंत्र भी समलित थेव क्षेत्र के जंगलों में तिमला . बुरांस . तेजपता .निकवाल.कडी पता .पुदीना मल्टा आम आदि चीजें बाजार न मिलने के कारण हमेशा खराब हो जाती है इंही चीजाें से यहां पर जूस अचार मुरबा चटनी आदि बनाने का इरादा था व पारंपरिक रूप से सभी प्रकार के मसाले दालें आदि उगाने के साथ प्राेडक्ट बनाकर मार्केट में लाना था । इस सबके लिए प्रियंका देवी व उनके पति के द्वारा क्षेत्रीय महिलाओं व युवाओं को एकजुट कर तैयार किया गया था।
जब प्रियंका देवी की फाइल बंद हो गई है इस संबंध में जब हमने फिर से मुख्यमंत्री जी काे CM appsके माध्यम से दाे बार अवगत कराया ताे बैंक ने ये कहकर पल्ला झाड दिया कि हमने उन्हें आठ लाख की काेटेशन दी है जिस कारण फाइल रिजेक्ट हुई
इसी बारे में जब हम अपने विधायक व प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज से मिले ताे उन्होंने हमारे पत्र काे वित्त मंत्री काे भेज दिया आैर हमें कहा कि वे इस याेजना काे पर्यटन विभाग में लायेगें वहां से लाेन हाे जायेगा ये कहकर उन्होंने भी पल्ला झाड दिया ।
जब हम पर्यटन विभाग पाैडी गये ताे पता चला कि अभी वहां एैसी काेई याेजना नही है
हम फिर विधायक से मिलने गये वाे ताे नही मिल पाये परंतु उनके एक सचिव ने हमारी कहानी सुनकर किसी बैंक मैनेजर से बात की ताे फाेन पर मैनेजर का कहना था कि बैंक PMGP याेजना के लाेन करने से कतरा रही है व किसी भी कारण से फाइल को रिजेक्ट कर रहे हैं।
फिर महाराज जी के OSD हरि सिंह से बात हुई ताे उनका कहना था कि यदि महाराज जी पर्यटन में वाे हमारे प्राेजक्ट काे देते हैं ताे वाे पहले कैबिनेट में पास हाेगा व फिर विभाग काे जायेगा जिसमें कि डेड दाे साल लग जायेगें आैर अब महाराज जी के विधायक प्रतिनिधि कुलदीप भी फाेन नही उठा रहे हैं। फिर हमने मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए समय मागां
इस नंबर से 9456117007 ताे तीन दिन तक भी समय नही मिल पाया है व अब ये लाेग फाेन भी नही उठा रहे हैं।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट