मध्यप्रदेश/ शाजापुर- जिला मुख्यालय से करीब 4 किमी दूर स्थित नेहरू स्मृति वन लोगों के घूमने के लिए बनाया गया था, लेकिन आज इसकी हालत खराब होती जा रही है। वन विभाग के अधीन उक्त स्थान पर बच्चों के लिए लगाए गए झूले टूटने लगे है। वहीं परिसर भी वीरान पड़ा हुआ है।यदि जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है।
आगर जिला अलग होने के बाद शाजापुर में वन विभाग के पास कोई जमीन ही नहीं बची। ऐसे में वन विहिन शाजापुर जिले को तत्कालीन कलेक्टर प्रमोद गुप्ता ने नेहरु स्मृति वन सहित इससे लगी हुई भैरव डूंगरी के समीप स्थित भूमि जंगल बनाने के लिए दी थी। भूमि मिलने के बाद वन विभाग ने नेहरु स्मृति वन में पौधरोपण किया। साथ ही यहां पर नक्षत्र वाटिका सहित अन्य सुविधाएं भी जुटाई थी लेकिन आज यह खुद अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है।
-गौरव व्यास ,शाजापुर/मध्यप्रदेश