बरेली। नगर निगम की कार्यकारिणी में 833.75 करोड़ रुपये का बजट पेश हुआ है। इतनी वसूली अभी तक अतिक्रमण मे किसी वर्ष भी नही हुई है। वही कर विभाग को अभी 65 करोड़ रुपये वसूलना बाकी है। इसके लिए आईवीआरआई और बरेली कॉलेत के खातों को सीज करने की कवायद के लिए टीमों का गठन किया जाएगा। मंगलवार को नगर निगम कार्यकारिणी सदस्यों की 2025-26 के मूल बजट को लेकर चर्चा हुई। महापौर उमेश गौतम के नेतृत्व मे हुई बैठक में 2023-24 के वास्तविक आंकड़ों के साथ 2024-25 पुनरक्षित बजट की अनुमानित आय और दिसंबर 2024 तक हुई नगर निगम की आय का अवलोकन किया गया। इसके तहत 2024-25 के दिसंबर तक नगर निगम की आए 518.61 करोड़ हुई है। इसी के आधार पर नगर निगम ने 2025-26 में 833.75 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसमें विभागों को जुर्माना वसूली कर आय को पूरा करने का टारगेट भी दिया गया है। कर विभाग के लिए टीमों का अलग से गठन करने को कहा है, जिसमें वास्तविकता के तौर पर कर वसूली की जा सके। वहीं कई बिलों को ठीक करने और निजी अस्पतालों के बिलों की गड़बड़ी को ठीक करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही साथ व्यय को लेकर भी 2025-26 पर विचार किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 इस माह के साथ गुजर जाएगा, ऐसे में कर विभाग को 70 करोड़ का टारगेट पूरा करना है। टारगेट पूरा करने के बाद ही बरेली नगर निगम को ग्रांट मिलेगा। कार्यकारिणी की बैठक में उठे सवालों को लेकर मुख्य कर अधिकारी ने कहा कि लगभग 51 करोड़ की अभी तक वसूली हो चुकी है। प्रतिदिन सोमवार को भी 60 लाख से अधिक की वसूली की गई है। हालांकि प्रतिदिन के हिसाब से एक करोड़ वसूली का टारगेट रखा गया है, लेकिन वसूली उस स्तर पर नहीं हो रही है। महापौर ने कहा कि 65 करोड़ सरकारी विभागों पर बकाया है, इसके लिए उनके खाते सीज करें। इसमें बरेली कॉलेज व आईवीआरआई के खाते सबसे पहले सीज होंगे। वहीं 2025-26 के वित्तीय वर्ष से होटल, अस्पतालों के लिए अलग से टीमें बनेंगी।।
बरेली से कपिल यादव