लखनऊ की एक और लेडी डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट, फर्जी CBI अफसर बनकर कपड़े उतारने को कहा

लखनऊ- पीजीआई डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी का मामला अभी पूरी तरह से सुलझा भी नहीं कि एक फिर राजधानी के ही लोहिया इंस्टिट्यूट की महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 90 हजार ठग लिए. डॉक्टर से पहले सीबीआई अफसर बनकर सुप्रीम कोर्ट का फर्जी वारंट दिखाया फिर कपड़े उतरा कर गोली के निशान दिखाने को कहा. इतना ही नहीं करीब पांच घंटे डिजिटल अरेस्ट भी रखा. जब डॉक्टर ने आत्महत्या करने की धमकी दी तब जाकर ठगों ने कॉल काट दी. पीड़िता डॉक्टर ने विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज कराई है. बता दें कि, राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान की डेंटिस्ट डॉ. रूबी थॉमस जो अंडमान और निकोबार की रहने वाली है. उन्होंने बताया कि 16 अगस्त को उनके पास एक महिला की कॉल आई, जिसने उन्हें बताया कि आपके आधार कार्ड से एक सिम जारी हुआ है, जिससे मुंबई में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके बाद उन्हें वीडियो कॉल कि गई और सामने पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति सामने आया. जिसने पूछताछ शुरू करते हुए आधार कार्ड का नंबर पूछा, उनके बताते ही पुलिस अफसर ने कहा कि इस नंबर से सुप्रीम कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया है. डॉक्टर रूबी ने आगे बताया कि, पुलिस अफसर ने उन्हें बताया कि वो नरेश गोयल मनी लॉन्डरिंग मामले में सह आरोपी है. ऐसे में आपसे सीबीआई अफसर बात करेंगे और कॉल कट गई. थोड़ी देर में फिर कॉल आई और उन्हें सिर्फ एक आवाज सुनाई दी कि लाइन पर मनी लॉन्डरिंग केस में आरोपी रूबी थॉमस है. इसके थोड़ी देर बाद एक व्यक्ति सामने आया जिसने खुद को सीबीआई अफसर बताया, उसने वीडियो पर मेरा पूरा रूम चेक किया और फिर व्हाट्सअप पर अरेस्ट वारंट और नरेश गोयल केस से जुड़े दस्तावेज भेजे. इतना ही नहीं राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में होने वाली सजा से जुड़े कागज भी भेजे. सोशल मीडिया पर कागजात भेजने के बाद सीबीआई अफसर ने कहा कि, नरेश गोयल से आपका एक विवाद हुआ था जिसमें आपके पैर पर गोली लगी थी, जिस पर डॉक्टर ने कहा कि, न ही वो किसी नरेश गोयल को जानती है और ना ही उसे गोली लगी है. जिस पर सीबीआई अफसर ने कहा कि आप नरेश से पैसे लेने मुंबई आई थी. इसके सबूत उनके पास है. आप कपड़े उतारिये हमें यह वेरीफाई करना है कि गोली लगी है कि नहीं. जिस पर डॉक्टर ने कहा कि, इसके लिए किसी महिला कांस्टेबल को भेजिए. डॉक्टर ने बताया कि पांच घंटे डिजिटल अरेस्ट के बाद वो रोने लगी और कहा कि वो आत्महत्या कर लेंगी जिससे डर कर ठगों ने कॉल काट दी. लेकिन तब तक डॉक्टर ने ठगों को 90 हजार रूपये दे दिए थे. इस पूरे मामले पर साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू ने कहा की, मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.

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