बरेली। वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह 11 बजे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश किया। जिसमे भाजपा ने विकसित भारत की ओर ले जाने वाला बताया तो वही विपक्षी दलों ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का सीधा मतलब है कि सरकार पूंजीपतियों को और अमीर बनाना चाहती है। महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से निपटने के लिए इस बजट मे कोई विजन नही है। व्यापारियों ने कहा कि सरकार की ओर से सीधे तौर पर व्यापारियों के लिए कोई घोषणा नही हुई है। लेकिन अन्य क्षेत्रों मे हुई घोषणा का लाभ व्यापारियों को मिलना तय है। आयकर मे छूट सीमा बढ़ाने की उम्मीद पूरी नही हुई। वही स्टाफ नर्स पिंकी यादव ने कहा कि सरकार को बजट मे महिलाओं का हमेशा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि पूरे घर को चलाने से लेकर हर एक जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर होती है। घर का बजट बिगड़ जाता है तो महिलाओं को बहुत दिक्कत होती है। दवा कारोबारी मुकेश ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सरकार ने घोषणा की है। उनका स्वागत है। सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाना और मेडिकल कॉलेज खोलने सराहनीय है। उप्र उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन को बढ़ावा मिलने से व्यापारियों को भी लाभ होगा। महिलाओं की क्रयशक्ति बढ़ने का सीधा असर बाजार पर होगा अर्थ व्यवस्था में तरलता आएगी।
सरकार लगातार युवाओं, किसानों, महिलाओं और आम जनता के लिए काम कर रही है। यह बजट देश में आर्थिक क्षेत्र को मजबूत करने वाला है और इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। यह बजट विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।- पवन शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा
सिर्फ पूंजीपतियों के फायदे का बजट रहा। हर साल बजट में घोषणाएं होती हैं लेकिन सरकार यह नही बताती कि पिछले बजट की घोषणाएं पूरी क्यों नहीं हुई। बजट में तीन सौ यूनिट फ्री बिजली का एलान उसी तरह का जुमला है जैसा हर भारतीय को 15 लाख रुपये देने का था। – मिर्जा अशफाक सकलैनी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
केंद्र सरकार का यह विदाई बजट है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले बजट की 22 प्रतिशत धनराशि का अब तक उपयोग नही हुआ है । राष्ट्रीय कर्ज बढ़ा है। 2014 में 55 लाख करोड़ था, अब 175 लाख करोड़ हो चुका है। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी पूरा नहीं किया।- मयंक शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता सपा
चुनावी बजट होने के बावजूद पिछड़ों, दलित, अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं है। पिछले दो कार्यकाल में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों को बजट का दो प्रतिशत भी नहीं दिया। यह बजट देश के पूंजीपतियों को और अमीर बनाने के लिए है, कमजोर और गरीबों के लिए चुनावी जुमला है।- राजीव कुमार, जिलाध्यक्ष बसपा
जीएसटी के रूप भारी भरकम राशि सरकार को प्राप्त हुई जो देश की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती है इसमे व्यापारी की ही भागीदारी है।- जफर बेग, बरेली मर्चेन्ट एसोसियेशन के संरक्षक
सरकार ने रोजगार को ध्यान में रखकर बिल्कुल भी बजट तैयार नही किया है और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए भी इसमे कुछ नही है- कपिल यादव, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ
बरेली से कपिल यादव