झाँसी- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जेके शुक्ल और एसपी देहात कुलदीप नारायण के दिशा-निर्देश पर पुलिस द्वारा लगातार अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है। ऐसे में बड़ागांव पुलिस को उस समय बड़ी सफलता हासिल हुई, जब उनके हत्थे एक ऐसा चोर गिरोह लगा, जिसने सैकड़ों चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इस गिरोह की निशानदेही पर भारी मात्रा में चोरी का सामान, जेवर व नकदी आदि बरामद की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जेके शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि बड़ागांव थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार यादव को मुखबिर से सूचना मिली कि बराठा घाट के पास तीन हथियारबन्द बदमाश छिपे हुए है। वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। सूचना मिलते ही एसओ बड़ागांव अपने साथ एसआई राजेश कुमार दुबे, राजेन्द्र सिंह, महेश कुमार, पंकज कुमार के साथ बताए गए स्थान पर पहुंच गए और छापा मारकर तीन युवकों को बंदी बना लिया। पूछताछ में युवकों ने अपने नाम समथर थाना क्षेत्र के ग्राम महुआ खेड़ा निवासी भूपेन्द्र राजपूत व आनंद और आशीष बताए।
उनकी निशानदेही पर पुलिस ने चार एलईडी, एक फ्रि ज, दो डीजे मशीन, एक स्टेप्लाईजऱ, चार बाइक, एक मारुति वैन बिना नम्बर की, दो मंगल सूत्र, एक लाल-पीले मूंगे के साथ पैंडल, आठ गुरिया पीली धातु, मंगल सूत्र काले मूंगे के साथ 32 गुरिया, 10 छोटे पत्ती नुमा पैंडल, 11 बिछिया, 15 तोडिय़ां, 10 चांदी के सिक्के व 29 हजार से ज्यादा की नकदी, तमंचे व कारतूस भी बरामद किए गए।
एसएसपी के अनुसार बदमाशों ने पूछताछ के दौरान बताया है कि उनके पास से बरामद हुई लोहे की सब्बलों से वे घरों के ताले पल भर में तोड़ देते थे। इसके बाद वहां रखे कीमती सामानों को चुराकर भाग जाते थे।इतना ही नहीं, चोरी की घटना के बाद वे उस घर में शौच भी करते थे। उनका मानना था कि इस क्रिया के बाद उन्हें कोई पकड़ नहीं सकेगा। यह उनके लिए शुभ शगुन था। अपनी लगभग सभी चोरी की वारदातों के बाद इन लोगों ने घरों में शौच किया और हमेशा पुलिस व लोगों की निगाह से बचते रहे।पुलिस कहती है कि चोरी का माल खरीदना भी अपराध है। यह भारतीय संविधान के अनुसार अपराध है। चोरों के इस गिरोह द्वारा अपना ज्यादातर सोने-चांदी का माल प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक सूदखोर को या तो बेचा जाता था या फिर उसके यहां गिरवी रखा जाता था। बदमाशों की निशानदेही पर पुलिस ने रात में इस कथित सूदखोर के यहां छापा मारा था। वहां से लाखों की कीमत के सोने-चांदी के जेवर भी बरामद किए थे। लेकिन आज खुलासे में सूदखोर अथवा उसकी भूमिका पूरी तरह से नदारद थी।
– उदय नारायण, झांसी