एक ही अपराध पर तीन कार्यवाही व तीन बार दंड पंजीकृत व्यापारी के अधिकारों का हनन है
सुलतानपुर। एसोसिएशन ऑफ टैक्स पेयर्स एंड प्रोफेशनल के एक्जीक्यूटिव मेम्बर डी पी गुप्ता ने मीडिया को बताया कि एसोसिएशन ऑफ टैक्स पेयर्स एंड प्रोफेशनल के राष्ट्रीय महासचिव पराग सिंहल ने टैक्स पेयर्स व्यापारियों के साथ हो रहे तकनीकी उत्पीड़न के मामले में वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग किया। उन्होंने कहा कि मासिक रिटर्न को देरी से दाखिल किये जाने पर एक्ट की धारा-125 के अन्तर्गत अर्थदंड लगाना पूर्णत: विधिविरुद्ध है, इस पर रोक लगनी चाहिए।
अपने पत्र में राष्ट्रीय महासचिव पराग सिंहल ने कहा कि व्यापारी द्वारा जब कोई रिटर्न लेट से दाखिल करता है तो उस पर धारा-47 के अन्तर्गत लेटफीस के भुगतान के साथ धारा-50 के अन्तर्गत देय कर पर निर्धारित रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाता है ऐसी स्थिति में बाद में धारा-125 के अन्तर्गत “साधारण शास्ति’ आरोपण करना क्या विधि विरुद्ध एवं न्याय विरुद्ध नहीं है ? क्या ऐसा करना एक अपराध पर तीन-तीन कार्यवाही की श्रेणी में नहीं आएगा ? क्या तीन-तीन दंड पंजीकृत व्यापारी के अधिकारों का हनन नहीं कहलाएगा ? इस संदर्भ में हम एक वाद संख्या 2020 (37) G.S.T.L. (Appellate Authority – A.P.) Smt P. Vaishnavi, Joint Commissioner (ST) & Appellate Authority (ST) Vs Omsai Professional Detective and Security Service Pvt Ltd का उल्लेख करते हैं जिसमें कि इस वाद में धारा-125 के अन्तर्गत आरोपण को गलत बताया गया है। उन्होंने
विश्वास जाहिर किया है कि माननीय वित्त मंत्री हमारे पत्र पर ध्यान देकर पंजीकृत डीलर के प्रति हो रहे उत्पीड़न को रोकने का सार्थक प्रयास करेंगी। साथ ही इस तरह के निरर्थक वादों को प्रभावहीन करते हुए सरकारी खर्च पर भी विराम लगाने के लिए आवश्यक निर्देश पारित करेंगी।