- स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी द्वारा दिया जा रहा जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
- जनप्रतिनिधियों ने टीबी उन्मूलन के लिए शपथ ली
बेतिया/बिहार- पश्चिमी चंपारण जिले को टीबी बीमारी से पूरी तरह मुक्त करने के लिए अब जनप्रतिनिधियों द्वारा भी समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ टी एन प्रसाद ने बताया कि- इसके लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग एवं केएचपीटी के सहयोग से पंचायत अंतर्गत हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सीएचओ, एएनएम, जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को मझौलिया प्रखंड के महनागनी पंचायत भवन में जनप्रतिनिधियों के लिए टीबी पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने बताया कि लगातार दो हफ़्तों से ज्यादा बलगम वाली खांसी,बुखार,भूख में कमी तथा वजन का कम होना आदि टीबी बीमारी के लक्षण होते हैं। अगर समुदाय में किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो उन्हें नजदीक के सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराने की सलाह दें। उन्हें बीमारी के बारे में जागरूक करें। मेनका सिंह ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जाँच और इलाज पूरी तरह निःशुल्क है। इसका लाभ उठाना चाहिए।
टीबी मरीजों को पौष्टिक भोजन के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती है:
केएचपीटी के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुमित कुमार ने बताया टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को पौष्टिक भोजन के लिए सरकार के द्वारा प्रत्येक माह पाँच सौ रुपये की राशि दी जाती है। वहीँ प्रशिक्षण कार्यक्रम में सामुदायिक समन्वयक डॉ घनश्याम ने कहा कि टीबी मरीज को लगातार छह माह तक दवा का सेवन करना चाहिए। बीच में एक दिन भी दवा छोड़ना खतरनाक हो सकता है। कार्यक्रम के दौरान मुखिया अजय कुमार राय के नेतृत्व में सभी जनप्रतिनिधियों ने टीबी उन्मूलन के लिए शपथ भी ली ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौके पर सीएचओ शबनम कुमारी, एएनएम ममता कुमारी, बेबी कुमारी, केएचपीटी के सामुदायिक समन्वयक अनिल कुमार, सरपंच शेख मुश्ताक, वार्ड सदस्य नईमा खातून, गोपाल साह, दूधनाथ साह, शत्रुध्न मुखिया, माया देवी, राजकपूर प्रसाद सहित दर्जनों पीआरआई सदस्य उपस्थित रहे।
– बिहार से नसीम रब्बानी