सम्भल- ह्यूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर शहर के विभिन्न मदरसों के हिन्दी भाषा मे सर्व श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों व शिक्षको को मैडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
उपनगरी सरायतरीन मदरसा इशातुल कुरान मे छात्रों व शिक्षको को सम्मानित करते हुए ट्रस्ट के संस्थापक नाजिश नसीर ने कहा कि भाषाएं किसी कौम विशेष की नहीं होती, भाषाएं तो सिर्फ प्यार, स्नेह व लगाव की होती है, कुछ न समझो ने हिंदी को हिन्दू व ऊर्दू को मुसलमान बना दिया है, हिंदी भाषा मातृ भाषा है इसलिए हिन्दी को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। मदरसे के प्रधानचार्य मुफ्ती मुशर्रफ अज़ीम ने कहा कि दोनों भाषाएं इस देश भारत का हुस्न है, दोनों ज़बाने चेहरे पर दो आंखो की तरह है अगर एक आंख बिगड़ गई तो देश का हुस्न बिगड़ जाएगा, हिंदी विश्व मे चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली जबान, हिंदी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इतनी समृद्ध भाषा कोष होने के बावजूद आज हिन्दी लिखते और बोलते वक्त ज्यादा तर अंग्रेजी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
कारी नाज़िम ने कहा कि वैसे तो भारत विभिन्नताओं वाला देश है यहां हर राज्य की अपनी अलग सांस्कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक पहचान है इसके बावजूद भी हिन्दी भारत मे सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।अन्त में छात्रों व शिक्षको को मैडल व प्रमाण पत्र देकर हर साल की तरह इस साल भी ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कारी नाज़िम,कारी अरमान,मु०शकील, हाफ़िज़ रुमान, मास्टर नाजिश, मुफ्ती मुशर्रफ अज़ीम नाजिर खान, रिजवान खान,शुऐब राईन आदि उपस्थित रहे।
– सम्भल से सैय्यद दानिश