नई दिल्ली- पिछले चार साल में जिस तरह भाजपा का आंकड़ा 282 से 273 (स्पीकर सहित) पर सिमटा है, उससे विपक्ष के अलावा सहयोगी दलों को भी आंखें दिखाने का मौका मिल गया है। विपक्ष गोरखपुर-फूलपुर की हार को भाजपा के खिलाफ माहौल के तौर पर भुनाना चाहता है। टीडीपी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर विपक्ष को यह मौका दे दिया है।
– टीडीपी के वाईएस चौधरी कहते हैं कि पार्टी को कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी का समर्थन मिल चुका है। उन्होंने आशंका जताई कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता के आंकड़ों को रोकने के लिए सत्ता पक्ष हंगामा करवा सकता है। ऐसे में टीडीपी विपक्ष के समक्ष सामूहिक इस्तीफों का प्रस्ताव भी रखेगा। ऐसा हुआ तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष खड़ा हो सकता है। मौजूदा हालात में विपक्ष अगर एकजुट हुआ तो करीब 227 सांसद विरोधी खेमे में दिखेंगे। इसमें अन्नाद्रमुक के 37 सांसद भी शामिल हैं, जो पहले से दो धड़ों में बंटा है।
– एलजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने भाजपा को गठबंधन के सहयोगियों को साथ लेकर चलने की नसीहत दी है। केरल में बीजेडीएस पहले ही एनडीए को छोड़ चुका है। महाराष्ट्र में शिवसेना भी आंखें दिखा रही है।
– बिहार में आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा भले केंद्रीय मंत्री हैं लेकिन अटकलें हैं कि वे भी एनडीए छोड़कर आरजेडी के साथ गठबंधन कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ रिश्ते भी पहले जैसे मधुर नहीं रहे। ऐसे में 2019 के लिहाज से विपक्ष की यह जुगलबंदी मोदी नेतृत्व को कड़ी चुनौती दे सकती है।
आंध्र प्रदेश में दामाद बनाम बेटी के खेल में भाजपा
– आंध्र में वाईएसआर कांग्रेस से भाजपा के तालमेल की अटकलें हैं। इसलिए टीडीपी से पहले वाईएसआर ने गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा महासचिव के समक्ष रखा था। भाजपा की रणनीति वाईएसआर कांग्रेस को सामने रख टीडीपी को कमजोर करने की है।
– भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज दिल्ली में आंध्र के पार्टी नेता बुलाए हैं। पार्टी की रणनीति वहां एनटी रामाराव की बेटी डी पुरंदेश्वरी पर दांव आजमाने की है। चंद्रबाबू नायडू एनटीआर के दामाद हैं और उन्हीं की विरासत संभाल रहे हैं। यह विरासत एनटी की बेटी को सौंपने की रणनीति के तहत भाजपा आगामी चुनाव में पुरंदेश्वरी को आगे कर सकती है।
-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा