नई दिल्ली – उपेंद्र कुशवाहा बोले- ज्यूडिशरी में समाज के सभी का वर्गों का प्रतिनिधिनित्व जरुरी है। रालोसपा 20 मई से हल्ला बोल दरवाजा खोल कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रही है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख एव केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जजों की नियुक्ति के मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम में बदलाव को आवश्यक बताते हुए कहा कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति की स्थिति वही है जैसे कोई अपना उत्तराधिकारी चुनता है. उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठा रहा हूं लेकिन कोर्ट के फैसले पर लोगों में भरोसा पैदा करने के लिए समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधितत्व जरुरी है.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्तमान कॉलेजियम सिस्टम में बदलाव करने की कोशिश की लेकिन सरकार के फैसले के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने इसे नहीं माना. ऐसी स्थिति में मैं गुहार लगाता हूं कि सुप्रीम कोर्ट को भी खुद व्यवस्था करनी चाहिए। गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर 20 मई से हल्ला बोल दरवाजा खोल कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रही है. 20 मई को दिल्ली से शुरूआत होने के बाद देश के दस राज्यों की राजधानी में कार्यक्रम होंगे और 5 जून को पटना के एसकेएम हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि प्रथम चरण में पार्टी के पदाधिकारियों को संविधान की जानकारी संविधान विशेषज्ञों द्वारा दिलवायी जाएगी. उसके बाद कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर हल्ला बोल दरवाजा खोल मुहिम चलाएंगे। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सहयोगी दल के नेता रोज सरकार से हट कर बयान दे रहे है उससे यह लग रहा है। गठबंधन में सब ठीक नही चल रहा है। आने बाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी दल कई प्रदेशो में चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते है। सुभासपा के ओमप्रकश राजभर भी उपेन्द्र कुशवाहा की तरह अपने बयान रोज जारी कर रहे है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा