लखनऊ – उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए चल रहे मतदान के दौरान बसपा के विधायक अनिल सिंह के भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करने से बसपा मुखिया मायावती को तगड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस तथा रालोद व दो निर्दलीय विधायकों की मदद से अपने प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा में भेजने के प्रयास में लगीं मायावती को उनके ही विधायक ने दांव दे दिया है। यह राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया।
उन्नाव के पुरवा से बसपा के विधायक अनिल सिंह ने मतदान के बाद कहा कि अंतरात्मा की आवाज पर मैंने भाजपा के प्रत्याशी को वोट दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरात्मा से आवाज आने के बाद मैं अपने को रोक नहीं सका।बसपा विधायक अनिल सिंह ने अंतरात्मा की आवाज पर वोट डाला है। मैंने महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) को वोट दिया है।
अनिल सिंह के इस कदम से उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती के साथ उनके प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को झटका लगा है। बसपा विधायक अनिल सिंह ने पार्टी प्रत्याशी को वोट नहीं दिया है। मतदान वोटिंग से कुछ घंटे पहले बहुजन समाज पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की थी।समाजवादी पार्टी के विधायक नितिन अग्रवाल ने कहा कि इन चुनावों में भाजपा के 9 उम्मीदवार जीतेंगे। सपा-बसपा ने उपचुनाव में जो गठबंधन किया, वह सही नहीं है और जनता इन्हें करारा जवाब देगी। मैं यही कहना चाहता हूं कि जो पार्टी समाज की सेवा करने वालों की बजाय मनोरंजन करने वालों को उम्मीदवार बनाए, वह हार का मुंह ही देखेगी।
मतदान के बाद कैबिनेट मंत्री तथा प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इस बार भाजपा के सभी नौ उम्मीदवार जीतेंगे। उधर सपा नेता राम गोपाल यादव ने भी कहा कि कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होगी, लेकिन भाजपा विधायक हमारे पक्ष में मतदान करेंगे।
विधान भवन के तिलक हाल में मतदान चल रहा है। राज्यसभा के दस प्रत्याशियों का चयन मतदान के बाद आज शाम को पांच बजे के बाद होने वाली मतगणना से होगा।
इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि आज दो निर्दलीय विधायक वोटिंग से अनुपस्थित रह सकते हैं। प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के साथ ही उनके खास प्रतापगढ़ के बाबागंज से विधायक विनोद सरोज ने भी मतदान नहीं करने का मन बना लिया है। अगर ऐसा हुआ तो यह सपा और बसपा के लिए बड़ा झटका होगा। कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह और उनके करीबी बाबागंज से निर्दलीय विधायक वोटिंग से अनुपस्थित रह सकते हैं। राजा भैया और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। अब बसपा उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में डटे हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा के आठ और सपा के एक सदस्य की जीत तय है। एक सीट के लिए बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर और भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी अनिल अग्रवाल के बीच मुकाबला है। बसपा उम्मीदवार अंबेडकर को सपा व कांग्रेस समर्थन कर रही हैं। अजित सिंह की पार्टी आरएलडी भी उनके समर्थन में है। भाजपा नौवीं राज्यसभा सीट पर निर्दलीय अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है. बीजेपी गठबंधन के पास 28 वोट अतरिक्त हैं, जबकि जीतने के 37 वोट की जरूरत है। जेल में बंद बसपा के मुख्तार अंसारी व सपा के हरिओम यादव को वोटिंग की अनुमति न मिलने से भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है. भाजपा के पास अब 329 विधायक (एक संभावित सहित) हो गए हैं. उसे नौ उम्मीदवार जिताने के लिए 333 वोट चाहिए। चार विधायक ही कम रह गए हैं।