वाराणसी। चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में आयोजित संत समागम में श्रीश्री रविशंकर ने ओम अनुग्रह यात्रा निकालने के पूर्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान अर्चक श्रीकान्त मिश्र,श्री संकटमोचन दरबार के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र और अन्नपूर्णा मंदिर के महन्त प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र, रामेश्वरपुरी सहित 37 संतों से आर्शिवाद लिया। इसके बाद श्रीश्री अपने देश-विदेश के 1200 अनुयायियों के साथ अलईपुर स्थित सिटी स्टेशन पहुंचे। यहां कुल 18 बोगियों वाली विशेष ट्रेन में सवार श्रीश्री और उनके 1200 अनुयायी काशी से अवध तक की इस विशेष यात्रा पर निकल पड़े। ट्रेन पूर्वोत्तर रेलवे के मऊ, देवरिया, श्रावस्ती, गोरखपुर में निर्धारित ठहराव के बाद लखनऊ के गोमती नगर स्टेशन तक जायेगी।
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए बनारस में हिन्दू संत समाज लामबंद होने लगे है। मंगलवार को आर्ट आफ लिविंग की ओर से चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में आयोजित संत समागम आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर के अगुवाई में सन्तों ने मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया। राम जन्मभूमि विवाद पर श्रीश्री रविशंकर बोले कि कोर्ट में किसी की हार होगी, किसी की जीत होगी। जिसकी हार होगी वह तो मन में द्वेष रखेगा। इस मामले में सिर्फ सियासी लोग विरोध कर रहे हैं, बाकी तैयार हैं। उनके धर्म ग्रंथ में भी है कि दूसरी जगह मस्जिद निर्माण कर सकते हैं। श्रीश्री ने मंदिर निर्माण में बाधा बने पक्ष से अपील किया कि सौहार्द पुर्ण माहौल में मंदिर के लिए जमीन दे दें। बदले में उतनी ही जमीन लेकर निकट ही मस्जिद या जो भी बनवाना चाहे बनवा ले। इसी से दोनो पक्षों की जीत होगी। समागम में श्रीश्री ने कहा कि पटरी से उतर चुके लोगों को पटरी पर लाने के लिए सभी संतो से सलाह लेंगे। अब हमारे समाज में धर्म की स्थापना कैसे हो, इस पर विचार करते है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दे दिया है कि एक एकड़ की बात पर आप सौहार्द के लिए देंगे हिंदुओं को और हिन्दू भी आपको एक और जगह देंगे। संघर्ष तो हो गया, सौहार्द के तौर पर करेंगे तो हमेशा के लिए समस्या हल हो जाएगी।
वहीपत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राम मंदिर निर्माण मामले में उनकी पहल सही दिशा में चल रही है। देश भर के लोगों से सही रिस्पांस मिल रहा हैं। शीघ्र ही आशा जनक नतीजा आएगा। इस मामले में दिलों को जोड़ने का काम अध्यात्म ही कर सकता हैं, राजकाज से यह काम नही होगा। देश में आध्यात्मिक जागृति से ही भ्रष्टाचार हिंसा रूकेगी। कहा कि हिंसा रोकने के लिए कानून होना चाहिए, लेकिन मानसिक परिवर्तन के लिए अध्यात्म और दिलों के जोड़ने के कार्य के साथ धर्म और साधना का मार्ग अपनाना होगा।
समागम में श्री अन्नूपर्णा मंदिर के मंहन्त रामेश्वरपुरी ने कहा कि श्रीश्री भारतीय समाज को एक माला में पिरोने का कार्य कर रहे हैं। काशी से निकली यह अध्यात्मिक उर्जा पूरे देश में चेतना जागृत करेंगी। समागम की अध्यक्षता करते हुए श्री संकटमोचन दरबार के महन्त प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि श्रीश्री बाबा विश्वनाथ और भगवान बुद्ध के उपदेशस्थली के बीच की जगह से जो कार्य कर रहे है। इसमें अवश्य सफलता मिलेगी। रामचरित मानस की चौपाइयों का उल्लेख कर कहा कि यहां अपना कुछ नही हैं सब राम का ही है। प्रो.मिश्र ने इस दौरान गंगा के निर्मलीकरण के लिए श्रीश्री को जनचेतना जगाने के लिए अपील किया। कहा कि गंगा के लिए श्रीश्री एक कदम आगे बढ़ायेंगे तो काशी के सन्त सौ कदम चलकर साथ देंगे। उधर मंदिर निर्माण के लिए पहल कर रहे श्रीश्री रविशंकर के अभियान में आज मुफ्ती ए बनारस अब्दुल बातीन नोमानी को भी शामिल होना था। संत समागम में भाग लेने के लिए आर्ट आफ लिविंग ने उन्हें न्यौता दिया था। लेकिन समागम में न पहुंचकर नोमानी ने अभियान को अपनी ओर से झटका देने का पूरा प्रयास किया।
रिपोर्ट-:महेश कुमार राय वाराणसी