बिहार – हाजीपुर के गोरौल प्रखंड अंतर्गत के सोन्धों गोपाली चौक स्थित जगरनाथ साह शराब पीकर चौबिस घंटे मस्त रहने वाला व्यक्ती बताते है कि शराब वंदी हो जाने से कुछ दिन तो लगता था कि बिना पिये हम मर जायेगे लेकिन कुछ दिन बितने् के बाद हमारा सब कुछ ठिक ठाक हो गया हैं. शराब छोड़ने के बाद हम चाय के दुकान खोल लिए हैं. चाय के दुकान के अलावा खेती बाड़ी भी करने लगे हैं. हमारा घर परिवार सब ठीक ठाक हो गया हैं. शराब पिने के बाद हमारा बाल बच्चा हम से नाखुस रहता था. शराब छोड़ने के बाद से हमारा घर परिवार भी खुश रहने लगा हैं, पैसा भी बचने लगा है. पैसा बचाकर हम एक लड़की का शादी एक अच्छे परिवार में किया हुँ. जगरनाथ साह के दोस्त व्रज किशोर ठाकुर बताते है कि मुख्यमंत्री नितिश कुमार जी के द्वारा शराब बंदी की घोषणा से मानो तो शराब पिने वालों में जिंदगी में डुबते को तिनके की सहारा मिल गया.
एक और साथी इसमाईलपुर निवासी कामेश्वर सिंह डराईवर साहब बताते है कि मैं भी शराब के नशे में हर वक्त चुर रहता था. जो मेरी सारी कमाई शराब में चली जाती थी. परिवार में अशांति रहती थी. किंतु शराब बंदी के बाद से इनकी जीवन की डुबती नाव को किनारे ला कर खरा कर दिया, और बचे हुऐ पैसे से इन्होंने एक गाय खरीदा और उस गाय की सेवा परिवार के बाल बच्चों ने करना शुरु किया. जिससे गौ माता का दुध पिकड़ बचे हुए दुध को बेचते भी हैं, जिससे खुब पैसें भी बचने लगा है जिससे हम खेती बाड़ी करने में खर्च करते हैं.
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार