लखनऊ- बहुप्रतीक्षित खबर ये है कि लखनऊ में चल रही बसपा की बैठक में सपा के साथ गठबंधन का बड़ा फैसला लिया गया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने सभी कोआर्डिनेटर और पदाधिकारियों को जिलों में जाकर सपा के पदाधिकारियों से संपर्क साधने के निर्देश दिए हैं।
सनद रहे दोनों पार्टियों के समर्थकों की भी यही इच्छा थी और समय की मांग भी थी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही बसपा के प्रति अपना नरम रुख जाहिर कर चुके थे।
सीटों के बंटवारे में भी समझौता करने की बात कह चुके थे। जहाँ मायावती ने फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान सपा को स्पष्ट सममर्थं दिया था वहीं नूरपुर और कैराना में मौन रह कर अपने वोट बैंक के रुख को परखा था।
अखिलेश यादव ने भी पश्चिम यूपी में जाट, मुस्लिम वोट को एक साथ लाने का प्रयोग किया था,जिसमे वो सफल रहे। अंदर खाने की खबर ये भी है कि अखिलेश यादव के लंदन प्रवास के दौरान बसपा के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी ने गठबंधन के सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर इसका खाका तैयार कर लिया था।
अब गठबंधन की औपचारिक घोषणा होनी ही बाकी है। तस्वीर साफ है 3 लोकसभा उपचुनाव के नतीजों की धमक अब लोकसभा 2019 के आम चुनावों में भी महसूस की जाएगी।
– सुनील चौधरी, सहारनपुर