झांसी। उत्तर प्रदेश में काबिल योगी सरकार से झांसी ललितपुर सांसद उमा भारती ने पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी है। पत्र में उस मामले का जिक्र किया गया है जिसमें झांसी जिले के मऊरानीपुर के कोतवाल सुनीत सिंह के कृत्य को उजागर किया गया है। पत्र में बताया गया है कि सुनीत सिंह पर प्रदेश सरकार ने यथोचित कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
जान का खतरा
उमा भारती ने बताया कि चिंता का कारण यह है कि झांसी ग्रामीण जिले के अध्यक्ष संजय दुबे तथा बबीना के विधायक राजीव सिंह दोनों के जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि अपराधी अभी भी फरार है तथा वह सामान्य अपराधी नहीं है। उस पर हत्या, लूट डकैती के असंख्य केस है। वह पिछली सरकार के संरक्षण में बचा रहा। हमारी सरकार आने के बाद में तथा हमारे सभी जनप्रतिनिधि पुलिस अधिकारियों को इस अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए कह रहे थे।
विभाग को किया कलंकित
एसएसपी बदलने के बाद जब तक अपराधी पर कार्रवाई शुरू होती। उसी समय पर पुलिस विभाग को कलंकित करने वाले मऊरानीपुर के दरोगा के कृत्य ने पूरी घटना को नए ही मोड़ पर ला दिया। बर्खास्त किए गए दरोगा तथा अपराधी के बीच में जो बातचीत का वाइरल आॅडियो प्रस्तुत किया गया। उसको प्रारंभ में दुर्भावनापूर्ण तरीके से दिखाया गया एवं अपराधी से सहानुभूति रखने वाले कुछ नेताओं ने मीडिया में उस पूरे तथ्य को गलत तरीके से पेश किया। जिससे कुछ समय के लिए हमारी मीडिया ने कुछ लोग भ्रमित भी हो गए।
गहरा आघात लगा
उमा भारती ने पत्र में बताया कि जब बातें मेरे सामने आयी तब मुझे इस पूरी घटना से बहुत आघात लगा, क्योंकि में स्वयं राजीव सिंह विधायक बबीना एवं संजय दुबे जिलाध्यक्ष इन दोनों निरंतर इस अपराधी पर कार्रवाई करवाने के लिए प्रेरित कर रही थी। ये अपराधी बबीना विधानसभा एवं मऊरानीपुर बबीना विधानसभा में अपना खौफ पैदा किए हुए है। इसके अलावा दोनों विधानसभा के लोग इस अपराधी में बहुत ही भयभीत रहते है।
योगी से किया आग्रह
पत्र में उमा भारती ने योगी आदित्यनाथ से आपसे आग्रह किया कि बबीना के विधायक राजीव सिंह की सुरक्षा बढ़ाने के लिए संजय दुबे हमारे ग्रामीण जिलाध्यक्ष को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए। क्योंकि यह जघन्य अपराधी लेखराज अभी भी फरार है तथा इस घटना के बाद तो अपराधियों का मनोबल बढ़ने की संभावना प्रबल हो गयी है। इस कारण तुरन्त यथोचित कार्रवाई ही जनता में हमारे बारे में सुरक्षा का संदेश देगी।
-उदय नारायण, झांसी