बरेली। जनपद मे जीआईएस सर्वे के बाद लागू की गई नई टैक्स प्रणाली में खामियों की भरमार है। कही आवासीय भवनों को व्यावसायिक दिखाया गया है तो किसी का गृहकर (हाउस टैक्स) 80 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। नगर निगम में सुबह से शाम तक शिकायतकर्ताओं की भीड़ उमड़ रही है लेकिन अफसरों के पास इसका समाधान नही है। अब शिकायतों से परेशान होकर निगम ने वेबसाइट को ही बंद कर दिया गया है। जानकारी के अभाव मे लोग इसलिए भी परेशान हो रहे हैं कि वेबसाइट क्यों नहीं चल रही है? इससे लोग ऑनलाइन शिकायतें भी नहीं कर पा रहे हैं। अब समस्या का समाधान कैसे हो? यह सोचकर लोग परेशान हो रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक अब महापौर व नगर आयुक्त के साथ बैठक के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा। आवासीय भवन को व्यावसायिक दर्शाकर लगाया 89 हजार का कर: वार्ड 35 निवासी नागेश की 470 वर्गफुट में दुकान बनी है, जिसका संचालन वह खुद ही कर रहे हैं। उनका बाकी का क्षेत्रफल आवासीय है। उनका वर्ष 2023-24 का गृहकर का बिल 89,305 रुपये आया है। उन्होंने निगम की वेबसाइट पर जाकर जानकारी की तो उसमें उनकी बिल्डिंग के अलावा दूसरे व्यावसायिक भवन का फोटो लगा है। इसी आधार पर उन्हें गृहकर का बिल भेजा गया है। रुहेलखंड उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार महरोत्रा ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार को ज्ञापन सौंपा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि वेबसाइट का संचालन बंद कर दिया गया है। महापौर और नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर इसमें संशोधन के लिए नई रणनीति तय की जाएगी। तभी वेबसाइट को खोला जाएगा। शिकायतों के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव