हमीरपुर- नगर के स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज हमीरपुर मे गुरुपूर्णिमा के उत्सव पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रामप्रकाश गुप्ता ने बोलते हुए कहा कि यह त्योहार पारम्परिक रुप से किसी के चुने हुए अध्यात्मिक शिक्षको को सम्मानित करने के लिये मनाया जाता है। यह त्यौहार हिन्दू कलेण्डर आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। महात्मा गॉधी ने अध्यात्मिक गुरु राजचन्द्र को श्रद्धान्जलि देने के लिये इसे पुर्नजीवित किया था। इसे व्यास पूर्णिमा के रुप मे भी जाना जाता है। क्योकि यह वेदव्यास के जन्मदिन का प्रतीक है। जो ऋषि थे। जिन्होने महाभारत को लिखा व वेदो संकलन किया तथा उन्होने कहा कि गुरु वह शिव होता है जो अपने हदय मे विषपान करके अपने शिष्यो को अमृतमयी बनाता है। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य जितेन्द्र सिंह ने बोलते हुए कहा कि हमे गुरु के बिना ज्ञान नही प्राप्त हो सकता अर्थात हम सभी को गुरुओं के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए।
इस अवसर पर समग्र शिक्षा बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तथा भारत सरकार की ओर से स्वच्छता पुरस्कार (जनपद मे उत्कृष्ठ स्वच्छ विद्यालय) एवं कोविड प्रबन्धन मे अग्रणी एवं शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हेतु जिलाधिकारी हमीरपुर डा0 चन्द्रभूषण त्रिपाठी द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य रामप्रकाश गुप्ता को पुरस्कार द्वय (प्रमाण पत्र एवं शील्ड) प्रदान करने पर विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओ ने एवं स्टाफ ने करतल ध्वनि से प्रधानाचार्य जी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार आचार्य बलराम सिंह ने किया। यह जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी आचार्य वेदप्रकाश शुक्ल ने दी।