सीमा सुरक्षा बल की सर्वश्रेष्ठ वाहिनी के खिताब के साथ “वीर छिहत्तर” बटालियन ने रचा इतिहास

राजस्थान- देश की सरहदों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं में तैनात
सीमा सुरक्षा बल की 76 वीं वाहिनी जो “वीर छिहत्तर” के नाम से विख्यात है, ने बल के द्वारा प्रतिवर्ष बेहतरीन बटालियन के लिए दी जाने वाली जनरल चौधरी ट्रॉफी को प्राप्त कर वर्ष 2024 की सर्वश्रेष्ठ वाहिनी का गौरव प्राप्त किया। विदित हो कि यह पहली बार है कि जब बाड़मेर की किसी वाहिनी को बल की सर्वश्रेष्ठ वाहिनी का खिताब प्राप्त हुआ है जो कि बाड़मेर के लिए भी एक अत्यन्त गर्व की बात है। बल में यह प्रतियोगिता भिन्न-भिन्न स्तर पर होते हुये चार चरणों में पूरी होती है जिसमें वाहिनी की शारिरिक एवं बौद्धिक क्षमता, संक्रियात्मक उपलब्धियां तथा वाहिनी की उच्च मुख्यालयों के दिशा-निर्देशानुसार संचालन इत्यादि का गूढता के साथ मूल्यांकन किया जाता है। बल के बाड़मेर सेक्टर की इस वाहिनी ने प्रत्येक स्तर पर अव्वल रहते हुये इस प्रतियोगिता को जीतकर एक रिकॉर्ड कायम किया है जो कि एक अत्यन्त खुशी की बात है।

ज्ञात हो कि “वीर छिहत्तर” की कमान पिछले एक साल से ज्यादा समय से सतीश कुमार मिश्रा, कमाण्डेंट और उनके नेतृत्व में वाहिनी को यह इतिहास रचने का मौका प्राप्त हुआ है। इस खिताब की प्रतियोगिता में “वीर छिहत्तर” बटालियन की प्रतिद्वंदी रही 06 बटालियन जो कि बल के पूर्वी कमान, सीमा सुरक्षा बल, कलकत्ता की तरफ से इस प्रतियोगिता में रही। “वीर छिहत्तर” बटालियन ने अपने प्रतिद्वंदी को जनरल चौधरी ट्रॉफी-2024 प्रतियोगिता में जवानों के मनोबल, साहस एवं शारिरीक दक्षता आदि में बहुत बड़े अंतराल से परास्त किया तथा ‘सर्वश्रेष्ठ बटालियन’ का खिताब वर्ष 2001 के लम्बे अन्तराल के उपरान्त दूसरी बार अपने नाम किया। वाहिनी में यह सूचना प्राप्त होने के उपरान्त एक खुशी की लहर फैल गयी और सभी ने इस अवसर को उत्सव के रूप में मनाया है।

सतीश कुमार मिश्रा, कमाण्डेंट “वीर छिहत्तर” बटालियन ने इस जनरल चौधरी ट्रॉफी-2024 के खिताब का श्रेय “वीर छिहत्तर” परिवार के समस्त रैंक कार्मिकों तथा उनके परिजनों को देते हुये कहा कि “वीर छिहत्तर” बटालियन का इतिहास गौरवमयी रहा है और “वीर छिहत्तर” बटालियन अपने आप में एक सर्वश्रेष्ठ वाहिनी है तथा आगे भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में अव्वल बनी रहेगी। उन्होंने अपने समस्त वरिष्ठ अधिकारियों, वाहिनी के पूर्व कार्मिकों तथा अन्य के महत्वपूर्ण सहयोग और योगदान की भी सराहना की तथा धन्यवाद दिया। वाहिनी के समस्त शहीदों को भी इस सुअवसर पर याद किया गया जिनके बलिदान से एक मजबूत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ वाहिनी निरन्तर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध रहती है।

– राजस्थान से राजूचारण

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