सीतापुर- आखिरकार लंबे इंतजार की घड़ियां 9 जनवरी 2019 दिन बुधवार को खत्म हो गईं। छोटी से बड़ी हो गई ऐशबाग-सीतापुर रेल लाइन पर आज से ट्रेनें दौड़ने लगी। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने दोपहर एक बजे खैराबाद रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रूट पर पहली ट्रेन 05063 सीतापुर-लखनऊ जंक्शन स्पेशल खैराबाद से चलकर मोहिबुल्लापुर दोपहर 3:02 बजे होते हुए शाम चार बजे लखनऊ जंक्शन पहुंची। इस रूट पर ट्रेनों के शुरू हो जाने से करीब 50000 यात्रियों को राहत मिलेगी। इनमें छात्र-छात्राओं, दैनिक यात्रियों से मजदूरों की बड़ी संख्या है। एनईआर के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि खैराबाद अवध स्टेशन पर होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद राजेश वर्मा व कौशल किशोर भी मौजूद रहे। 88.25 किलोमीटर के इस ट्रैक के आमान परिवर्तन पर रेलवे ने 374 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
ट्रेन दोपहर 3:45 बजे बख्शी का तालाब रेलवे स्टेशन पर पहुंची पांच मिनट ट्रेन रुकने के बाद वह यहाँ से आगे के लिए रवाना हुई। यहां फूलों और गुब्बारों से सजी ट्रेन के पहुंचते ही यात्रियों ने जोरदार स्वागत किया और ट्रेन की यात्रा का लुफ्त उठाया। ट्रेन के चलने से यात्री काफी उत्साहित दिखे। रेलवे मंत्री ने स्टेशन पर फीता काटा मौके पर सैकड़ों यात्रियों के साथ बीकेटी प्रशासन का पूरा अमला मौजूद था। उपजिलाधिकारी, तहसीलदार राजेश कुमार सिंह, स्टेशन मास्टर वीरेंद्र कुमार पांडेय, एसआर ग्रुप के चेयरमैन पवन सिंह चौहान सहित सैकड़ों की संख्या में यात्री व दर्शक मौजूद रहे। सभी के चेहरे पर खुशी की रौनक देखने को साफ तौर से मिल रही थी।
133 साल के बाद नए युग का हुआ आगाज
बता दें कि अंग्रेजी हुकूमत में 1886 में ऐशबाग-सीतापुर के बीच मीटरगेज (छोटी लाइन) बिछाई गई थी। इससे लखनऊ और इसके आसपास के कई जिले रेल नेटवर्क से जुड़े थे। जब मीटरगेज की उपयोगिता खत्म होने लगी तो पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से इस रूट के आमान परिवर्तन की योजना बनी और 13 मई 2016 से रेल विकास निगम लिमिटेड (आरबीएनएल) ने ब्रॉडगेज (बड़ी लाइन) का काम शुरू कर दिया। यह काम करीब 32 महीने में पूरा कर लिया गया। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि ऐशबाग से सीतापुर के बीच 88. 25 किलोमीटर रेल का आमान परिवर्तन 374 करोड रुपए की लागत से हुआ है। सुरक्षा के लिए 41 समपार, 6 सीमित ऊंचाई वाले सब-वे, 8 रोड डायवर्जन व 7 स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं।
रामकिशोर अवस्थी
सीतापुर ब्यूरो