फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। इस बार होली के पर्व को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रान्तियां फैली है। होली का त्योहार पूरे दो दिनों तक चलता है। जिसमे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलंडी, धुलेंडी और धूलि भी कहा जाता है। इस गलतफहमी को दूर करने के लिए हमने शक्ति उपासक आचार्य रमाकान्त दीक्षित से बात की तो उन्होंने बताया इस बार होलिका दहन सात मार्च मंगलवार को सायं (प्रदोष) काल मे है। प्रदोष काल 5.57 बजे से 6.45 तक रहेगा। होलिका दहन इस साल 7 मार्च को किया जाएगा तो रंगवाली होली 8 मार्च को मनाई जाएगी। होलिका दहन पर्व फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है। ये पूर्णिमा इस बार 6 मार्च की शाम 4 बजकर 17 मिनट से 7 मार्च की शाम 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। दरअसल इस बार पूर्णिमा तिथि दोनों ही दिन पड़ रही है जिस वजह से कहीं 6 मार्च को होली जलाई जाएगी तो कही 7 मार्च मे। जो लोग 7 मार्च को होलिका दहन मनाएंगे। उनके लिए शुभ मुहूर्त 7 मार्च की शाम 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। होलिका दहन की अगली सुबह रंगवाली होली खेली जाती है। इस साल होलिका दहन 7 मार्च को है तो रंगों का त्योहार होली 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी कई कहानियां भी काफी प्रचलित हैं। जैसे कुछ लोग मानते हैं कि इसी दिन धरती पर पहले इंसान का जन्म हुआ था। वहीं कुछ के अनुसार इस दिन कामदेव का भी पुनर्जन्म हुआ था। वहीं कुछ का मानना है कि इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह रूप लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। धर्म ग्रंथों अनुसार होली का संबंध भगवान कृष्ण से माना जाता है। इसलिए श्रीकृष्ण जी की नगर मथुरा में इस त्योहार की अलग ही रौनक देखने को मिलती है।।
बरेली से कपिल यादव