बरेली। बाल संरक्षण योजना एवं मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट द्वारा साइबर क्राइम तथा पुलिस अधिकारियों ने पॉक्सो एक्ट से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विवेचना के संबंध में बताया। सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित साइबर क्राइम अपराधों के विरूद्ध कार्यशाला मे बाल संरक्षण इकाई के स्वैच्छिक संगठन के प्रतिनिधियों व इंटर कॉलेज के अध्यापकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विष्णुदेव ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। पुलिस अधीक्षक अपराध सुशील कुमार ने बताया कि जिले में आर्थिक साइबर क्राइम के प्रकरण अधिक आते है। जिसमे से 18 प्रतिशत आर्थिक साइबर क्राइम के प्रकरणों का निस्तारण हुआ है। जिसका मुख्य कारण यह है कि जिस व्यक्ति के साथ आर्थिक साइबर क्राइम हुआ है। वह प्रकरण को विलम्ब से पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करते है। जिसके कारण धनराशि वापस दिलाने में कठिनाई होती है। इसलिये हम सभी को आर्थिक साइबर क्राइम की घटना घटित होते ही तत्काल पुलिस को अवगत कराना चाहिए। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन साइबर क्राइम एण्ड साइबर लॉ नई दिल्ली के एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने स्पेमिंग, फिशिंग, हैकिंग, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल साइट से संबंधित होने वाले साइबर क्राइम के बारे में बताया। साथ ही इससे बचाव के तरीके भी बताए। आगे बताया कि मुख्यतः आर्थिक एवं सामाजिक साइबर क्राइम अधिक होता है। लड़कियों को अपने साथ हो रहे क्राइम मे झिझकना नहीं चाहिए प्रकरण की तत्काल सूचना पुलिस को देनी चाहिए। बच्चों को समय समय पर शिक्षको व अभिभावकों द्वारा साइबर क्राइम के बारे में जागरूक परामर्श देते रहना चाहिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार ने लैंगिक अपराधों से बालिकाओं का संरक्षण (पाक्सो एक्ट), महिला के अधिकारों/कानूनों के संबंध में बताया गया। महिला हेल्प लाइन 1090, चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, यूपी 112 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। स्कूलों में भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इस मौके पर डीआईओएस डॉ अमरकांत, बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ डीएन शर्मा, संरक्षण अधिकारी सुश्री संध्या जायसवाल, विधि सहपरिवीक्षा अधिकारी संतोष कुमार गौतम, अध्यापक सौरभ सिंह चौहान सहित प्रतिभागी शामिल रहे।।
बरेली से कपिल यादव