*ये राममन्दिर ही नहीं राष्ट्रमन्दिर और विश्व मन्दिर है
*श्री राम जन्मभूमि को नमन
*सर्वसमावेशी संस्कृति से बचेगी हमारी संस्कृति और हमारा देश
*श्री राम जन्मभूमि हमारी आस्था, आध्यात्मिकता, गौरवशाली इतिहास और करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा का पवित्र तीर्थ स्थान
*शौर्य दिवस बना शान्ति दिवस – पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज
ऋषिकेश- आज शौर्य दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि हमारी आस्था, आध्यात्मिकता, गौरवशाली इतिहास और करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा का पवित्र स्थान है। शौर्य दिवस के अवसर पर आज परमार्थ निकेतन में सद्भाव और समरसता का प्रतीक दीप प्रज्वलित कर शान्ति की प्रार्थना कर मनाया शान्तिदिवस।पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम भगवान का दिव्य और भव्य मन्दिर आगे आने वाली पीढ़ियों को हमारे गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का परिचय तथा मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्श चरित्र से साक्षात्कार कराता रहेगा। भगवान श्री राम अनन्त और अखंड प्रेम के प्रतीक एवं करूणा के मूर्धन्य स्वरूप है। उनका पूरा जीवन दीन, दुःखियों एवं वंचितों की सेवा तथा समाज में सद्भाव हेतु समर्पित रहा तभी रामराज्य स्थापित हो सका। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि हमारे धार्मिक स्थलों का निर्माण ही एकता और सद्भाव के संगम को बनाये रखने हेतु किया जाता था तथा वर्तमान समय में भी इस संस्कृति को जीवंत रखना होगा तभी भारत में संगम बना रह सकता है। इस देश के संगम को बनाये रखने के लिये आपस में दिलों को जोड़ना नितांत आवश्यक है। सद्भाव और समरसता की संस्कृति से खुद भी जुड़ें और दूसरों को भी जोडें। वास्तव में यही तो भारत की संस्कृति भी है। नफरत की दीवारों को तोड़ते हुये और आपसी दरारों को भरते हुये जीवन में आगे बढते रहना ही तो हमारी संस्कृति है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि जगद्गुरू शंकराचार्य जी ने देश में मठों और मन्दिरों के निर्माण की जो श्रंखला चलायी थी उसका उद्देश्य यही था कि उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम की संस्कृति को आपस में जोड़कर भाईचारा का निर्माण करना तथा देश के संगम को बनाये रखना। आपसी संगम ही हमारे देश की संस्कृति और हर समस्यां का समाधान है। सर्वसमावेशी संस्कृति के साथ रहेंगे तो हमारी संस्कृति बचेगी और देश भी बचेगा।
आईये आज शौर्य दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि हम सभी मिलकर देश में समरसता और सद्भाव बनाये रखने हेतु अपना योगदान प्रदान करेंगे ताकि हमारा देश हमेशा बुलंदियों के शिखर पर रहे। श्री राम मन्दिर का निर्माण आयोध्या में हो रहा है साथ हम सभी भारतवासियों के हृदय में हमेशा राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो।