शाहजहांपुर- शाहजहाँपुर के तिलहर थाना क्षेत्र के गांव धनयौरा निवासी एक व्यक्ति अपने बीमार बेटे को दिखने जिला अस्पताल में तैनात सरकारी डॉक्टर के आवास पर पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने 200 रुपये लेकर मरीज को देखा और उसके बाद बाहर से हजारो रूपये की दवा लिख दी। इसके आलावा हालत खराब होने पर डॉक्टर ने युवक को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया जहां उस की मौत हो गई । बेटे की मौत से आहत पिता ने बेटे की मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार बताते हुए डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया है ।
तिलहर क्षेत्र के गांव धनयौरा निवासी महेश सिंह ने बताया की उनके बेटे अभियांक को डेंगू की शिकायत होने पर 8 जून को जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर अनिल राज के आवास पर गया था जहां डॉक्टर ने 200 रूपये फ़ीस लेकर बेटे को देखा और फिर लक्ष्मी मेडिकल स्टोर के लेटर पेड़ पर 2400 रूपये की दवा लिखकर वही से दवा लाने को कहा । आरोप है की 10 जून को डॉक्टर अनिल राज ने बेटे अभियांक को कोई इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद बेटे की तबियत खराब हो गई और वो बेहोश हो गया। बेटे के बेहोश होने पर डॉक्टर अनिल राज व उनके सहयोगी डॉक्टर अभय सिंह ने उसको ट्रामा सेंटर में भर्ती किया लेकिन फिर भी उसकी हालत में कोई सुधार नही हुआ।जिस पर डॉक्टर ने ही एक प्राइवेट एम्बुलेंस से अभियांक व उसकी चाची रीना को तथा लक्ष्मी मेडिकल स्टोर वालो की गाड़ी से उसको, सहयोगी डॉक्टर अभय तथा शिशिर नामक व्यक्ति को बरेली भेज दिया । वो अपने बेटे को दीपमाला अस्पताल में दिखना चाहता था लेकिन अनिल राज के कहने पर एम्बुलेंस चालक ने जबरदस्ती रामकिशोर मेंमोरियल अस्पताल में बीमार बेटे को भर्ती कर वा दिया जहां उसकी कुछ देर बाद मौत हो गई।
महेश का कहना है की डॉक्टर अनिल राज व अन्य लोगो की लापरवाही के कारण ही उसके बेटे की मौत हुई है। एसपी ने कार्यवाही करने का आश्वाशन देकर पीड़ित का प्रार्थना पत्र ले लिया।
वही इस मामले से सरकारी डॉक्टरों द्वारा मरीजो को सरकारी अस्पताल में न देख कर घर पर देखने की बात भी खुल कर सामने आई है। जबकि शासन ने स्पष्ट रूप से कह रखा है कोई भी सरकारी डॉक्टर घर पर अवैध रूप से मरीजो को नही देखेगा।
– शाहजहांपुर से अंकित कुमार शर्मा की रिपोर्ट